रुद्रप्रयाग। प्रभु राम की जन्मभूमि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को समुद्र से लेकर हिमालय शिखर तक भव्य तरीके से मनाने की तैयारियां हो गई है। मेरू-सुमेरू पर्वत श्रंखलाओं के मध्य स्थित केदारनाथ धाम में इस पवित्र उत्सव के दौरान बाबा बफार्नी के आश्रम में 108 घी के दीपक जलाएं जाएंगे। राम नाम की धुन के बीच सुंदरकांड और भजन कीर्तन का आयोजन होगा।
केदारनाथ धाम में बाबा ललित महाराज के आश्रम में जलेंगे 108 घी के दीपक
ऐसा माना जाता है कि आदिदेव महादेव के ईष्ट भी श्रीराम ही है। राम नाम को लेकर ही उन्होंने विष को अपने कंठ में लिया था, और नीलकंठ के नाम से विख्यात हुए। अयोध्या में 500 साल बाद हो रहे प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर केदारनाथ धाम में भी उत्साह है। यहां साधु संत सहित आईटीबीपी, पुलिस, विद्युतकर्मी और बीकेटीसी के करीब 30 लोग इस उत्सव में शामिल होंगे।
केदारनाथ धाम में होगा 22 जनवरी सुबह सुंदरकांड और सांय होंगे भजन कीर्तन
केदारनाथ धाम में बीते 13 सालों से वर्षभर रह रहे बाबा बर्फानी के नाम से जाने जाने वाले पंचरामानंद अखाड़े से जुड़े ललितराम दास महाराज ने बताया कि भगवान आशुतोष के अराध्य भी प्रभु राम हैं इसलिए शंकर और राम का दिव्य नाता है। उन्होंने बताया कि जिस तरह एक कन्या को अपने मायके जाने में अनुभूति होती है, ठीक उसी तरह एक सन्यासी को महादेव के धाम में रहने में सुखद आनंद की प्राप्ति होती है। बाबा ललितराम दास जी की अयोध्या से भी काफी यादें जुड़ी है। वे करीब 5 महीने अयोध्या में भी रहे हैं। इसलिए प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर केदारनाथ धाम में अपने आश्रम में 108 घी के दीप जलाएंगे। सुबह संदरकांड का पाठ होगा जबकि सांय भजन कीर्तन होंगे। भंडारा होगा और धाम में मौजूद लोगों को प्रसाद वितरित कराया जाएगा। प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण केदारनाथ धाम में रहने वाले साधु संतों तक भी पहुंचा दिया गया है।