उत्तराखंड

पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए तैयार हो रही गोट वैली

पायलट प्रोजेक्ट

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अल्मोडा, बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग में होगी शुरूआत

रुद्रप्रयाग। प्रदेश में पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए गोट वैली तैयार की जा रही है। इसके पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैयार किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले चरण में अल्मोडा, बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली में गोट वैली तैयार की जा रही है।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सोनप्रयाग में आयोजित कार्यशाला में पहुंचे

सोनप्रयाग में आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के पशुपालन मंत्री व जनपद प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि पर्वतीय क्षेत्रों के पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गोट वैली तैयार की जा रही हैं। जिसके पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अल्मोड़ा, बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली में गोट वैली तैयार होंगी।

इसके बाद दूसरे चरण में उधम सिंह नगर, देहरादून और चंपावत एवं तीसरे चरण में पूरे राज्य में गोट वैली तैयार की जाएंगी। रुद्रप्रयाग में राज्य की पहली कार्यशाला हुई है इसके बाद अन्य जिलों में कार्यशाला एवं प्रशिक्षण आयोजित कर योजना शुरू की जाएगी। ऐसे केंद्र तैयार होने पर बकरी के दूध एवं अन्य उत्पादों को खरीद के लिए विशेष योजना तैयार की जा रही है। इसके साथ ही भूसे पर सब्सिडी देने एवं दूध के उचित मूल्य किसानों को दिलवाने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है, जल्द ही इसका लाभ किसानों को मिलने लगेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अपर निदेशक पशुपालन डॉ अविनाश आनंद ने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि असंगठित बकरी पालकों को संगठित करते हुए व्यावसायिक मूल्य श्रंखला विकसित करना उद्देश्य है जिससे परवर्तीय सीमांत क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए जा सकें।

20 से 25 गांवों को जोड़ा जाएगा एक वैली में

एक वैली में 20 से 25 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों को इससे जोड़ा जाएगा। बताया कि किसानों को इसके लिए लोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इस अवसर पर केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत ने अपने सुझाव पेश करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं के लिए य़ह योजना मील का पत्थर साबित होगी। तथा आने वाले समय में योजना के बेहतर परिणाम हासिल होंगे और पहाड़ों से हो रहे पलायन रोकने के लिए कारगर साबित होगी। इस अवसर पर, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, उप महाप्रबंधक पशुपालन विभाग संजय सक्सेना, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ नरेश कुमार, अनिल चौहान, डॉ रेणुका असवाल, डॉ निधि आर्य, डॉ आशीष रावत, सदस्य पलायन आयोग रंजना रावत समेत जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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