उत्तराखंड

उत्तराखंड में जल्द खुलेगा विश्व स्तरीय नेचुरोपैथी अस्पताल

प्राकृतिक चिकित्सा दिवस

कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया गीली मिट्टी से स्नान

देहरादून। प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। जबकि इस मौके पर सीएम ने मड बाथ (गीली मिट्टी से स्नान) भी किया।

सूर्योदय सेवा समिति ने की अर्न्तराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) एवं योग संगोष्ठी

शुक्रवार को नवयोग ग्राम, टनकपुर में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के मौके पर सूर्योदय सेवा समिति द्वारा आयोजित अर्न्तराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) एवं योग संगोष्ठी कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उत्तराखंड में विश्व स्तरीय नेचुरोपैथी अस्पताल खोलने की तैयारी कर रही है। जल्द इस पर फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड की भूमि प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण भूमि है, प्राकृतिक संसाधनों को अपनाकर प्राकृतिक चिकित्सक मानव जीवन को रोगमुक्त करती है।

उन्होंने कहा ऋषियों और संतो की तपस्थली उत्तराखण्ड सदैव से ही विश्व कल्याण के लिए ज्ञान का प्रचार प्रसार करती रही है। यह योग, आयुष, आध्यात्म की भूमि है, उन्होंने कहा आध्यात्मिक और धार्मिक चेतना की जागृति का जो संगम हमारी देवभूमि में देखने को मिलता है वह अद्भुत है। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का ज्ञान इसी धरती से हमारे ऋषियों द्वारा विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा राज्य सरकार भी प्राकृतिक चिकित्सा को बढावा देने एवं इसके प्रचार- प्रसार, करने के लिए प्रतिबद्ध और सक्रिय हैं।

प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है उत्तराखंड की धरती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में सबसे बड़ा सुख उसके निरोगी रहने का है। उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि यह सुख प्रत्येक नागरिक को प्राप्त हो, साथ ही हमारी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से जुड़े। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी प्राचीन संस्कृति, सभ्यता और ज्ञान का परिचय संपूर्ण विश्व को करा रहा है। आज पूरी दुनिया ने हमारी प्राचीन संस्कृति के मूल आधार “योग” को अपनाया है और इसका महत्व समझा है। इसी का ही परिणाम है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर आज विश्व के सभी देश योग दिवस मना रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य एवं केंद्र सरकार साथ मिलकर प्रदेश में योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

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