उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग में हुई वाल्मीकि की मूर्ति स्थापित

मूर्ति स्थापना

संगम से मूर्ति को स्नान करवाकर ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचाया वाल्मीकि मंदिर
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग नगर स्थित वाल्मीकि बस्ती में हर्षोल्लास के साथ महर्षि वाल्मीकि जी की मूर्ति स्थापित की गई। इससे पूर्व मूर्ति को अलकनंदा और मंदाकिनी संगम से स्नान कराते हुए मुख्य बाजार में ढोल नगाड़ों के बीच शोभा यात्रा आयोजित कर वाल्मीकि मंदिर में स्थापित किया गया।


रविवार को आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वाल्मीकि समाज के साथ ही स्थानीय लोगों ने प्रतिभाग किया। मूर्ति स्थापना का कार्य सामाजिक कार्यकर्ता दीपक भंडारी एवं नगर कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत डोभाल के प्रयासों से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में सामाजिक राजनीतिक क्षेत्रों के प्रबुद्ध लोगों ने प्रतिभाग किया।

मूर्ति स्थापना के बाद महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि जखोली ब्लॉक प्रमुख प्रदीप प्रसाद थपलियाल ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन से प्रेरणा लेकर के अपने जीवन को सार्थक करने का संदेश दिया। इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि अपने कठोर परिश्रम और तपोबल से ज्ञान अर्जित कर सर्वश्रेष्ठ ऋषि के रूप में स्थापित हुए जिन्होंने रामायण जैसे महान ग्रंथ की रचना कर संपूर्ण विश्व को रामायण से परिचित करवाया। कार्यक्रम में नपा के पूर्व अध्यक्ष राकेश नौटियाल ने वाल्मीकि के जीवन पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेसी नेता लक्ष्मण सिंह रावत ने किया। वाल्मीकि समाज के सदस्यों ने दीपक भंडारी एवं प्रशांत डोभाल का मूर्ति स्थापना के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया। साथ ही उनके द्वारा इस कार्य में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस मौके पर भंडारे का भी आयोजन किया गया।
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