उत्तराखंड

पूजा अर्चना के साथ कार्तिक स्वामी मंदिर में 11 दिवसीय महायज्ञ शुरू

11 दिवसीय महायज्ञ

स्वारी ग्वांस से कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचाई गई भगवान कार्तिक के प्रतीक चिन्ह रूपछड़ी

रुद्रप्रयाग। विश्व कल्याण एवं क्षेत्र की खुशहाली के लिए क्रौंच पर्वत स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर में 11 दिवसीय महायज्ञ एवं शिव पुराण कथा का शुभारंभ हो गया। पहले दिन क्षेत्र के सीमान्त गांव घिमतोली के स्वांरी ग्वास गांव में भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्नन (रूपछडी) की विशेष पूजा अर्चना की गई जबकि इसके बाद भगवान कार्तिक स्वामी की रूपछडी को ढोल दमाऊ एवं भक्तों के जयकारों कार्तिक स्वामी धाम रवाना किया गया।


रविवार सुबह 10 बजे भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्न के यात्रा के अहम पडाव स्कन्द नगरी पहुंचने पर यहां मौजूद श्रद्वालुओं ने यात्रा का अक्षत एवं पुष्पों से भव्य स्वागत किया। यहीं पर ब्रह्यामणों ने भगवान की रूप छडी का गंगाजल से स्नान किया। स्कन्दनगरी ने अल्प विश्राम करने के बाद भगवान कार्तिक स्वामी के रूप छडी अन्य देवी देवताओं के निशान कार्तिक स्वामी तीर्थ को रवाना हुई। ठीक 12 बजे भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचने पर भगवान नर रूप में अवतरित हुए। देवता ने हवनकुंड में गज मार कर 11 दिवसीय महायज्ञ की अनुमति दी गई। इस दौरान उपस्थित भक्तों ने कार्तिक स्वामी का आशीर्वाद भी लिया। इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इसके उपरान्त महायज्ञ में पूजा अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चार के बाद हवनकुंड में अग्नि प्रज्वलित कर ब्राह्मणों ने महायज्ञ में जौ तिल व घी की आहुतियां डालना शुरू किया। यह क्रम 11 दिनों तक यूंही चलता रहेगा।

 

महायज्ञ के साथ ही पहले दिन शिवपुराण के कथावाचक आचार्य वासुदेव प्रसाद थपलियाल ने शिव महिमा के बारे में विस्तार से बताया। मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघन सिंह नेगी ने बताया कि कार्तिक स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना के बाद 11 दिवसीय महायज्ञ शुरू हो गया है। 14 जून को भव्य जल कलश यात्रा एवं 15 जून को पुर्णाहुति के साथ समापन किया जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक भक्तों से महायज्ञ में पहुंचकर पुण्य अर्जित करने की अपील भी की है। बताया कि 14 जून को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज आने का प्रस्तावित कार्यक्र भी है। इस मौके पर प्रबन्धक पूरण सिह नेगी, अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह नेगी, सचिव बलराम सिंह, उपाध्यक्ष विक्रम नेगी, कोषाध्यक्ष चन्द्र सिह, लक्ष्मण सिंह, पुजारी नन्दू पुरी, सुभाष सिंह समेत सैकडों भक्तजन मौजूद थे।
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