भगवान की शीतकालीन पूजाएं करने उत्तराखंड आएं तीर्थयात्री: महाराज
यात्री एवं पर्यटकों से आह्वान
चारधाम यात्रा संपंन होने पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने दी बधाई
देहरादून। विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट पूजा अर्चना के बाद शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर प्रदेश के पर्यटन धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने यात्रा संपंन होने पर समस्त श्रद्धालुओं, यात्रा व्यवस्थाओं में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय जनता का आभार व्यक्त किया है। साथ ही यात्रा के सकुशल संपंन होने पर बधाई भी दी है।
रिकार्ड यात्री आए उत्तराखंड के चारों धाम
महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान इस साल गंगोत्री, यमनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में रिकॉर्ड 4615962 (छियालीस लाख पंद्रह हजार नौ सौ बयानवे) श्रद्धालु पहुंचे हैं। उन्होंने चारधाम यात्रा के संपंन होने पर समस्त श्रद्धालुओं, यात्रा व्यवस्थाओं में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय जनता का भी आभार व्यक्त किया है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद आज माणा गांव की महिलाओं द्वारा बुने हुए ऊन के घृत कंबल को भगवान श्री बदरीविशाल को ओढ़ाकर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कल 20 नवंबर को प्रात: श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी की डोली श्री बदरीनाथ धाम से श्री योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी साथ में रावल जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी भी योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी।
योग बदरी पांडुकेश्वर तथा नृसिंह मंदिर जोशीमठ में होंगी शीतकालीन पूजाएं
उन्होंने कहा कि श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में श्री योग बदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे जबकि 20 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद 21 नवंबर को आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्रीनृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। यहां योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी। महाराज ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में शीतकालीन पूजा के लिए उत्तराखंड पहुंचे और भगवान के शीतकालीन दर्शनों का लाभ उठाकर पुण्य के भागी बने।