जिपंअ और ब्लॉक प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनाव के लिए हाई पावर कमेटी गठित
देहरादून। उत्तराखंड में अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चयन सीधे जनता द्वारा किया जाएगा। इसके लिए हाई पॉवर कमेटी गठित कर दी गई है। यह कमेटी एक महीने में अपनी रिर्पोट शासन को सौंपेगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने को लेकर हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया है। अभी की स्थिति पर नजर दौड़ाएं तो क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य अपने प्रमुख व अध्यक्ष का चयन कर चुनाव करते आए हैं। जबकि इस चुनाव को संपंन कराने में धनबल और बाहुबल के साथ ही सदस्यों की खरीद फरोख्त की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। यहां तक कि सदस्यों को कई दिनों तक अपने साथ दूर रखने के मामले भी सामने आते रहे हैं जबकि आपसी संघर्ष में सदस्यों का अपहरण तक किए जाने के मामले सामने आए हैं। पंचायत के इन प्रमुख पदों पर अब सरकार सीधे जनता से चुनाव कराने की दिशा में कवायद करने में जुट गई है।
एक महीने में कमेटी शासन को सौंपेगी रिर्पोट
पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने, उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 की नियमावली के गठन, संविधान की 11वीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों का हस्तांतरण और पंचायती राज एवं जिला पंचायत के अलग-अलग संवर्गों के मर्जर किए जाने से संबंधित प्रकरणों पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए सोमवार को हाई पावर कमेटी का गठन किया है। महाराज ने इस कमेटी को एक महीने में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर सचिव पंचायती राज नितेश कुमार झा ने हाई पावर कमेटी का गठन करते हुए पंचायती राज निदेशक बंशीधर तिवारी को कमेटी का अध्यक्ष बनाया । इसके अलावा संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, उप निदेशक मनोज तिवारी, से.नि. अपर सचिव (वित्त सेवा) उत्तराखंड शासन पी. एस. खरे, से.नि. संयुक्त सचिव, विधायी विभाग, उत्तराखंड शासन/ वरिष्ठ अधिवक्ता डा. एन.के. पंत को कमेटी का सदस्य और संयुक्त सचिव, पंचायतीराज ओंकार सिंह को कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है। उप समिति में ओंकार सिंह संयुक्त सचिव पंचायती राज विभाग उत्तराखंड शासक समन्वयक के रूप में नामित रहेंगे।पंचायती राज मंत्री ने कहा कि सभी प्रकरणों के संबंध में समिति अपनी रिपोर्ट एक माह के भीतर शासन को उपलब्ध कराएगी और गैर विभागीय सदस्यों के पारिश्रमिक मानदेय के निर्धारण का प्रस्ताव निदेशक पंचायती राज द्वारा शासन को उपलब्ध कराया जाएगा।
उत्तराखंड में हैं 13 जिला पंचायत अध्यक्ष और 95 ब्लाक प्रमुख
बताते चलें कि इससे पूर्व पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर क्षेत्र पंचायत प्रमुखों को विकास खंड अधिकारी और जिला पंचायत अध्यक्षों को मुख्य विकास अधिकारी व अपर मुख्य अधिकारी की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि में अंकन करने (एसीआर) का अधिकार भी दिया गया था। वर्तमान में बड़ा फैसला लेते हुए पंचायती राज मंत्री महाराज ने ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष रूप से कराने की संभावनाओं को देखते हुए एक हाई पावर कमेटी का भी गठन कर दिया है जो कि एक माह में इस विषय पर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। यदि यह प्रयास सफल हुआ तो आम मतदाताओं के पास जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनने की ताकत आ जाएगी और जीत के लिए सदस्यों को खरीद फरोख्त के साथ ही बड़े स्तर पर धन के दुरूपयोग पर भी रोक लगेगी।
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