उत्तराखंड

नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा

विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) का फैसला

विशेष न्यायाधीश पोक्सो श्रीकांत पाण्डेय की अदालत ने सुनाया फैसला
घटना के आठ माह बाद चला परिजनों को पता
रुद्रप्रयाग। नाबालिग के साथ जबरदस्ती शारिरिक संबंध बनाए जाने के दोषी को जिला न्यायालय में विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) श्रीकांत पाण्डेय की अदालत ने 20 साल के कठोर कारावास और 10 हजार के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक पोक्सो/सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आशीष नेगी द्वारा पैरवी की गई।
लोक अभियोजक के मुताबिक 16-17 मार्च 2021 की घटना के अनुसार अभियुक्त द्वारा वादी की नाबालिग पुत्री के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए गए। जिससे वादी की नाबालिग पुत्री गर्भवती हो गई। घटना की जानकारी 8 माह बाद पीड़ित के परिजनों को उसकी बहन द्वारा बताई गई। वादी द्वारा 1 दिसंबर 2021 को थाना गुप्तकाशी में अभियुक्त के खिलाफ घटना में एक लिखित तहरीर दी गई। तहरीर के आधार पर पुलिस ने अभियुक्त के विरुद्ध पोक्सो एक्ट में मामाला पंजीकृत किया। विवेचना के दौरान अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। जबकि विवेचक द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विवेचना के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा पीड़ित सहित कुल 8 गवाह न्यायालय में परिक्षित कराए गए। सभी गवाहों द्वारा घटना का पूर्ण समर्थन किया गया। पीड़ित द्वारा विचारण से पूर्व उक्त घटना से गर्भवती होने के बाद एक नवजात शिशु को जन्म दिया गया, जिसमें अभियुक्त, पीड़िता व नवजात शिशु के डीएनए रिपोर्ट के आधार पर नवजात शिशु के जैविक माता-पिता होने की पुष्टि हुई है। गुरुवार को विशेष न्यायाधीश पोक्सो श्रीकांत पाण्डेय द्वारा दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अभियुक्त को 20 साल के कठोर कारावास व 10000 के अर्थदंड से दंडित करने की सजा सुनाई है। मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक पोक्सो/ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आशीष नेगी द्वारा पैरवी की गई।
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