उत्तराखंड

रेलवे में स्थानीय के बजाए बाहरी लोगों को नौकरी देने पर भड़के ग्रामीण

रेल परियोजना

रविवार को करेंगे बैठक, उग्र आंदोलन की बनाई जाएगी रणनीति
रुद्रप्रयाग। रेल परियोजना को लेकर काम कर रही कम्पनियों पर ग्रामीणों ने बाहरी लोगों को नियुक्ति देने का आरोप लगाया है। नरकोटा में ग्रामीणों ने ऐसे ही मामले को लेकर विरोध व्यक्त किया। कहा कि रविवार को प्रभावित बैठक कर आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। इधर, ग्रामीणों ने केंद्रीय रेल मंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
ग्राम पंचायत समिति ने केंद्रीय रेल मंत्री एवं मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि नरकोटा गांव में रेल परियोजना से करीब अस्सी परिवार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए है। गांव की आजीविका और आर्थिका का साधन नरकोटा बाजार था, किंतु रेल परियोजना निर्माण से सब तहस-नहस हो गया है। ग्राम प्रधान चन्द्रमोहन ने कहा मौजूदा समय में आरबीएनएल के अधीन कार्य कर रही मेघा कम्पनी द्वारा गांव तीस के सापेक्ष मात्र चौदह युवको को ही रोजगार दिया है जबकि अधिकांश हेल्पर में तैनाती की गई है। ग्रामीण कम्पनी से अस्सी फीसदी बेरोजगारों के रोजगार की मांग कर रहे हैं, किंतु कम्पनी के अधिकारी बिहार या फिर अन्य बाहरी क्षेत्रों के युवकों को रोजगार दे रहे हैं। यह सरकार और कंपनी द्वारा ग्रामीणों के साथ अन्याय है। कहा कि कम्पनियों द्वारा ग्रामीणों के रास्ते तोड दिए गए, मकानों पर दरारें पड गई है और वह ढहने की कगार पर है। सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त कर दी गई है। चारों ओर प्रदूषण से बीमारियों का खतना पैदा हो गया है। ग्राम पंचायत समिति के सदस्य संदीप प्रसाद, युवक मंगल दल अध्यक्ष सुनील जोशी, विनोद भटट, रेखा देवी, मुन्नी देवी, परशुराम जोशी, चन्द्रमोहन, गुडडी देवी व दिनेश भटट ने सभी प्रभावित ग्रामीणों ने कहा कि आगामी रविवार को गांव की बैठक आयोजित होगी इसके बाद आगे आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
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