सिंचाई विभाग से की ग्रामीणों ने शीघ्र नहर की मरम्मत की मांग
रुद्रप्रयाग। पुनाड़ क्षेत्र में धान की रोपाई से पहले ही यहां की प्रमुख सिंचाई नहर भारी बोल्डर और मलबा आने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे काश्तकारों के सम्मुख रोपाई का संकट पैदा हो गया है। नहर पर पानी की आपूर्ति न हुई तो किसानों की उम्मीद मात्र आसमान पर टिकी रहेगी।
स्थाई समाधान न हुआ तो रोपाई तक की जाए वैकल्पिक व्यवस्था
हर साल की तरह इस साल भी पुनाड़ क्षेत्र में किसान धान की रोपाई के काम में जुट जाएंगे। इसके लिए विधिवत पूजा अर्चना के साथ रोपाई का काम शुरू कर दिया जाएगा। अब किसानों के सामने रोपाई बिन पानी के कैसे की जाए, इसको लेकर संकट पैदा हो गया है। वरिष्ठ नागरिक रामचंद्र नौटियाल, हरीश सेमवाल, दिनेश चंद्र सेमवाल, दुर्गा नौटियाल, चक्रधर सेमवाल आदि ने बताया 7 जुलाई से धान की पौध को निकाला जाएगा, जबकि 8 जुलाई से रोपाई का काम शुरू कर दिया जाएगा, किंतु सबसे बड़ा संकट यहां की प्रमुख सिंचाई नहर का है। पुनाड़ नहर कई जगह पर क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे खेतों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। उन्होंने शीघ्र सिंचाई विभाग से पानी की आपूर्ति कराने की मांग की है, ताकि किसान रोपाई का कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि स्थाई समाधान होने में यदि विलंब हुआ तो शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर काश्तकारों को नहर का पानी उपलब्ध कराया जाए। इधर , सिंचाई विभाग के अधिशासी अधिकारी पीएस बिष्ट ने बताया कि वह बुधवार को नहर का निरीक्षण करेंगे साथ ही काश्तकारों को पानी की आपूर्ति कराने का प्रयास करेंगे।