उत्तराखंड

कौशल विकास में रुद्रप्रयाग को मिला अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस

अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस

भारत के कुल 467 जनपद हुए थे प्रतियोगिता में शामिल

रुद्रप्रयाग। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जिले को दिल्ली में अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस का पुरस्कार दिया गया। यह श्रेष्ठता सम्मान जिला कौशल विकास योजना पुरस्कार 2020-2021 के लिए युवाओं को रोजगार के क्षेत्र में विशेष और उत्कृष्ट योजना के बनाने के लिए दिया गया।

उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जनपद को मिला दिल्ली में सम्मान
बताते चलें कि कौशल विकास और उद्यमशीलता के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा पूर्व में आवेदन मांगे गए। इस प्रतियोगिता के लिए देशभर के कुल 467 जनपदों ने प्रतिभाग किया किंतु देश के कुल 30 जनपदों को ही पात्र पाया गया। इसमें उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जनपद को ही यह गौरव पाने का अवसर मिला। इसमें भी रुद्रप्रयाग जनपद को अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस और बागेश्वर को सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस पुरस्कार दिया गया। जिले को कौशल विकास योजना के क्षेत्र में नवाचार और बेस्ट प्रैक्टिसेस के लिए भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता के सचिव राजेश अग्रवाल द्वारा जिला कौशल विकास योजना पुरस्कार में अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस का पुरस्कार दिया गया।

कुल 30 जनपद हुए थे पात्रता के लिए सलेक्ट

नई दिल्ली में जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रुप में जिला सेवायोजन अधिकारी रुद्रप्रयाग कपिल पाण्डे और किशन रावत द्वारा यह सम्मान प्राप्त किया गया। जिला सेवायोजन अधिकारी कपिल पाण्डे ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा बीते 24 जनवरी को जिला कौशल विकास योजना का ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण किया गया था जिसे भारत सरकार द्वारा नवाचार एवं सर्वोच्चतम कार्य मानते हुए प्रशंसा कर जनपद को पुरस्कार के लिए चयन किया गया। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार जिले को उत्कृष्ट जिला कौशल योजना 2020-21 सर्वोच्चतम कार्य के लिए दिया गया है।
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सेवा योजन विभाग ने रोजगार के लिए यह दिए प्रस्ताव-
स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि यहां अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके।
देशी-विदेशी पर्यटक एवं तीर्थयात्रियों की आवाजाही को देखते हुए अंग्रेजी स्पीकिंग कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाए जिससे यहां के युवा विदेशी पर्यटक एवं तीर्थयात्रियों को बेहतर कनवेंस कर सके।
स्थानीय स्तर पर प्रसाद को बढ़ावा देने के लिए लोकल स्तर पर आउललैड खोले जाएं जिससे स्थानीय प्रसाद को देश-विदेश में पहचान मिल सके।
केदारनाथ धाम के साथ ही मदमहेश्वर, तुंगनाथ और अन्य प्रसिद्ध स्थल होने से यहां अधिक युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जा सकता है, इसके लिए विशेष प्रशिक्षण स्कीम शुरू की जाए ताकि अधिक युवा रोजगार से जोड़े जाएं।
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