उत्तराखंड

हेलंग से शुरू होगा माफिया पहाड़ छोड़ो आंदोलन शुरू

अधिकारों के लिए संघर्ष

हेलंग से शुरू होगी महिला अस्मिता और संसाधनों पर लोगों के अधिकारों की लड़ाई

रुद्रप्रयाग। हेलंग में हुई घटना के बाद पहाड़ की महिलाओं की सुरक्षा और अस्मिता के साथ ही संसाधनों पर लोगों के अधिकारों की लड़ाई के लिए बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड राज्य आंदोलन की नेत्री कमला पंत, पर्यावरणविद और सामाजिक हितचेता डॉ. रवि चोपड़ा एवं गढ़वाल सभा की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट हेलंग पहुंच गए।

बोले, हेलंग घटना पर मुख्यमंत्री को मांगनी चाहिए माफी

रुद्रप्रयाग में पत्रकारों से वार्ता में उत्तराखंड महिला मंच की अध्यक्ष एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलन की अग्रणी नेत्री कमला पंत ने कहा कि चमोली जिले के हेलंग में स्थानीय घसियारी महिलाओं से प्रशासन ने जो ज्यादती की है, उसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है। इससे सरकारी तंत्र के साथ माफियाराज के गंठजोड़ का एक कलंकित चेहरा सामने आया है और यह उत्तराखंड की लड़ाई में शामिल उस हर इंसान के लिए एक चुनौती है, जिसने अपना जीवन और सर्वश्व एक बेहतर उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए समर्पित किया है। यह राज्य आंदोलन के शहीदों का भी अपमान है और इसे अब आगे सहन नहीं किया जाएगा। हेलंग एकजुटता मंच को अपना पुरजोर समर्थन देने जाते पर्यावरणविद और सामाजिक हितचेता डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि आजादी की लड़ाई जिस ग्राम स्वराज्य के लिए लड़ी गई थी, वह जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देती है। सत्ता में प्रत्येक व्यक्ति की भागदारी के लिए ग्रामसभा को लोकसभा से बड़ी भूमिका में लाने के बाद ही यह स्थिति आ सकती है।

प्राकृतिक संसाधनों पर पहला हक स्थानीय निवासियों का होना चाहिए

वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि टुकड़े-टुकड़े आंदोलनों से संविधान की यह कल्पना साकार नहीं हो सकती। इसलिए हेलंग की जमीन से राज्य आंदोलन की तर्ज पर यह आंदोलन उठ खड़ा हुआ है और इसके अच्छे परिणामों की आशा करनी चाहिए। हेलंग कूच दल की अगवानी करते हुए जन अधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने विश्वास दिलाया कि इस जनांदोलन को भरपूर समर्थन और सहयोग दिया जाएगा। मंच के संस्थापक अध्यक्ष मोहित डिमरी, केपी ढौंडियाल, रमेश पहाड़ी, जोत सिंह बिष्ट, बीबी ममगाईं, भगत सिंह चौहान आदि ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर पहला हक स्थानीय निवासियों का होना चाहिए और सभी जन संगठनों को इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। हेलंग कूच दल में स्वराज्य अभियान के पूरन बर्त्वाल, महिला मंच की हेमलता नेगी, विजय नैथानी, पद्मा गुप्ता, शांता नेगी, शांति सेमवाल, करुणा राणा, कमलेश्वरी बडोला, रजनी नेगी, कमला नेगी, दीपा देवी, पद्मा रावत, गढ़वाल सभा की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट, एन एस पंवार, सतीश धौलाखण्डी आदि शामिल थे।

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