उत्तराखंड

लोकभाषा के संरक्षण और संवर्द्धन से होगा सभ्यता और संस्कृति का विकास

मातृभाषा महोत्सव

जनपद स्तरीय मातृभाषा महोत्सव में स्कूली नौनिहालों ने दिखाया अपना हुनर

रुद्रप्रयाग। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को जमीन तक पहुंचाने के लिए अब जिला प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा ने अभिनव पहल शुरू कर दी है। लोकभाषा के संरक्षण के लिए जहां डायट में अनेक कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं जनपद के तीनों ब्लाकों से नौनिहालों की लोकभाषा के उत्थान के लिए मातृभाषा महोत्सव को लेकर प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें उत्कृष्ट विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

रुद्रप्रयाग में लोकभाषा नाटक प्रतियोगिता में राआप्रावि बुढ़ना प्रथम

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) रतूड़ा के प्राचार्य विनोद प्रसाद सिमल्टी की देखरेख में डायट में निरंतर उत्कृष्ट कार्यक्रम हो रहे हैं। मंगलवार को जिले के अगस्त्यमुनि, जखोली और ऊखीमठ ब्लॉक से प्रावि, जूहा और माध्यमिक विद्यालयों के स्कूली छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया। विशेष रूप से लोकभाषा गढ़वाली के संरक्षण के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। इसमें नौनिहालों ने लोक नाटक, लोक नृत्य और लोक गीतों की बेहतर प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में डायट के प्राचार्य विनोद प्रसाद सिमल्टी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपनी बोली, भाषा को महत्व दिया जाए इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इससे हमारी सभ्यता और संस्कृति का विकास होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को स्कूल से समाज तक पहुंचाने का हो रहा प्रयास

इस मौके पर मुख्य अतिथि कलश ट्रस्ट के संयोजक ओमप्रकाश सेमवाल ने कार्यक्रम की प्रशंसा की और लोकभाषा के संरक्षण का आह्वान किया। इससे पहले दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अतिथियों को बैच, शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर गढ़वाली कवि अश्विनी गौड़ की पुस्तक बुरांश कांठा का विमोचन भी किया गया। तीनों ब्लॉकों के स्कूली नौनिहालों की प्रतियोगिता में कवियत्री उपासना सेमवाल, सुरेंद्र दत्त नौटियाल और राजेंद्र कुमार ने निर्णायक की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन हरिबल्लभ डिमरी, नरेंद्र बिष्ट एवं इन्दुकांता भंडारी ने संयुक्त रूप से किया।


मातृभाषा महोत्सव में ये स्कूल रहे उत्कृष्ट

लोकभाषा नाटक में राआप्रावि बुढना प्रथम स्थान पर रहा। जबकि राउप्रावि सेमी ऊखीमठ द्वितीय और राइंका कंडारा अगस्त्यमुनि तृतीय स्थान पर रहा। लोककथा में राउप्रावि सेमी ऊखीमठ प्रथम, राइंका कंडारा द्वितीय और जनता इंटर कॉलेज थाती दिग्धार जखोली तृतीय स्थान पर रहा। लोकगीत प्रतियोगिता में चिल्ड्रन एकेडमी अगस्त्यमुनि प्रथम, राआप्रावि बुढना जखोली द्वितीय और राआप्रावि खुमेरा ऊखीमठ तृतीय स्थान पर रहे। सभी विजेता नौनिहालों को डायट द्वारा पुरस्कृत किया गया।

यह थे मौजूद-
कार्यक्रम समन्वयक हरिबल्लभ डिमरी, नरेंद्र सिंह बिष्ट, प्रदीप रंजन चमोली, इन्दुकांता भंडारी, भुवनेश्वरी चंदानी, डॉ गुरु प्रसाद सती, मानविरेंद्र बर्त्वाल, रुचिता पुरी, अनिल चौकियाल, प्रेमबल्लभ सिरसवाल, सौम्य ढौडियाल, गिरीश चन्द्र बडोनी, अश्विनी गौड़, रजनी सजवाण, रचना रावत, द्वारिका प्रसाद गौड़, सतीश चन्द्र, बलवंत पंवार, कुसुम भट्ट, वीरेंद्र बमोला, चांदनी महर आदि मौजूद थे।

 

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