रुद्रप्रयाग। राजकीय संस्कृत महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के प्राचार्य डॉ भानुप्रसाद देवली 37 वर्ष की लंबी सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गए। उनके विदाई समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि डॉ देवली का जीवन शिक्षा एवं संस्कृत के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने 37 वर्ष की लंबी सेवा कर्तव्य निष्ठा एवं व्यवहार कुशलता के साथ पूरी की है। इसके लिए संस्कृत जगत उन्हें हमेशा याद रखेगा।
विदाई समारोह में सहायक निदेशक ने नए प्राचार्य के रूप में शशि भूषण बमोला को प्रभार पत्र सोते हुए विद्यालय का कुशल संचालन करने के निर्देश दिए।
37 सालों तक दिया संस्कृत महाविद्यालय में दिया अहम योगदान
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल सुन्दरियाल ने कहा कि एक शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है। वह समाज के सर्जन ने आजीवन लगा रहता है। उन्होंने प्राचार्य देवली के कार्यकाल को अविस्मरणीय बताया। सेवानिवृत्त होने पर डॉ देवली ने कहा कि कुशल प्रशासक एवं विद्वान अधिकारी निदेशक डॉ घिल्डियाल का उनके सेवानिवृत्त अवसर पर उपस्थित होना उनके लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि वह निरंतर संस्कृत की सेवा में शेष जीवन व्यतीत करेंगे। इस मौके पर प्राचार्य शशि भूषण बमोला, देवी प्रसाद, सुखदेव प्रसाद सिलोड़ी, प्रवीण कुमार, कुलदीप डिमरी, नंदा देवी सेमवाल, संस्कृत महाविद्यालय विद्यापीठ की प्राचार्य डॉ पुष्पा नौटियाल, प्रदीप नौटियाल सहित नगर के अनेक नागरिक एवं शिक्षक-कर्मचारी, छात्र मौजूद थे।