92 सालों बाद निकली दिवारा यात्रा 182वें पड़ाव मदोला गांव पहुंची
रुद्रप्रयाग। जिले के दशज्युला की आराध्य देवी मां चंडिका की दिवारा यात्रा अपने 182वें पड़ाव को लेकर मदोला गांव पहुंची। यहां देवी ने भक्तों को दर्शन देते हुए खुशहाली का आशीर्वाद दिया। इस दौरान गांव-गांव से लोगों ने मां के दर्शन कर पुण्य फल प्राप्त किया। ग्राम पंचायत कोटी-मदोला में रात्रि विश्राम के बाद डोली अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई।
जिले के दशज्युला महड़ की मां चंडिका 92 सालों बाद अपने 6 महीने की दिवारा यात्रा पर लगातार गांव-गांव का भ्रमण कर रही है। इस दौरान देवी धियाणियों और भक्तों की कुशलक्षेम पूछ रही है। सैकड़ों गांवों का भ्रमण करते हुए देवी रात्रि विश्राम के लिए 182वें पड़ाव मदोला गांव पहुंची। देवी के आगमन को लेकर ग्रामीणों द्वारा पहले ही तैयारियां की गई थी। गांव के पंचायती चौक में देवी के पश्वाओं द्वारा देव निशानों के साथ नृत्य किया गया। ग्रामीणों ने कीर्तन-आरती एवं मां चंडिका के जयकारे लगाते हुए रातभर भजन कीर्तन किया। सुबह देव निशानों के साथ पंचपूजा के बाद मां ने घर-घर जाकर ग्रामीणों को दर्शन दिए और सुख शांति एवं खुशहाली का आशीर्वाद दिया। इसके बाद देवी अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई।
गांव-गांव से पहुंचे लोगों ने मां के दर्शन कर पुण्य फल प्राप्त किया
इस मौके पर देवी के पुजारी हरिबल्लभ सती और अध्यक्ष धीर सिंह बिष्ट, संरक्षक जगदीश भण्डारी ने बताया कि 12 जून को मां चंडिका की बनियाथ महड़ मंदिर में महायज्ञ के साथ संपन्न होगी। वहीं चंडिका की दिवारा यात्रा में आईआईटी हैदराबाद के शोध छात्र विनीत गैरोला भी अपने उत्तराखंडी पौराणिक देव संस्कृति पर शोध के लिए 300 किलोमीटर 100 से अधिक गांवों का पैदल भ्रमण कर रहे हैं। उनका कहना है कि उत्तराखंड की देव संस्कृति और देवताओं की आस्था को गहराई से जानने का मुझे सौभग्य मिला है। मैं हर गांव, इलाके की रीति-रीवाजों को समझ रहा हूं और इसे अपने शोध में जोड़ने का प्रयास कर रहा हूं। दिवारा यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
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