जगदग्नेश्वर महोदव मंदिर में हो रहा रुद्र महायज्ञ और श्रीराम कथा का आयोजन
केदारघाटी स्थित भगवान जमदग्नेश्वर महादेव मन्दिर में ब्रह्मचारी ज्ञानान्द महाराज व जामू के ग्रामीणों के संयुक्त सहयोग से चल रहे रूद्र महायज्ञ व श्रीराम कथा के सातवें दिन 251 जल कलशों से भव्य जल कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने शामिल होकर पुण्य अर्जित किया। रुद्र महायज्ञ व श्रीराम कथा के आयोजन से केदारघाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। महाशिवरात्रि पर्व पर पूर्णाहुति के साथ धार्मिक अनुष्ठान का समापन होगा।
रविवार को सैकड़ों श्रद्धालु स्थानीय वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों व सैकड़ों भक्तों की जयकारों के साथ जगदग्नेश्वर महादेव से जामू गांव के मध्य मोरू नामक प्राकृतिक जल स्रोत के लिए रवाना हुए और प्राकृतिक जल स्रोत में विद्वान आचार्यों ने पूजा-अर्चना हवन कर 251 जल कलशों की विधिवत पूजा की। ठीक 11 बजे जल कलश यात्रा मंदिर के लिए रवाना हुई। भक्तों के जयकारों से सम्पूर्ण क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो गया। जल कलश यात्रा के जगदग्नेश्वर महादेव मंदिर की एक परिक्रमा करने के बाद प्रधान कलश से जगदग्नेश्वर महादेव व व्यास पीठ का जलाभिषेक किया गया। साथ ही शेष कलशों का जल भक्तों को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया। जल कलश यात्रा की महिमा का वर्णन करते हुए अध्योध्या के 15 वर्षीय बाल व्यास प्रजा शुक्ला ने कहा कि तीर्थ स्थलों में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान के तहत निकलने वाली जल कलश यात्रा के दर्शन करने से जन्म-जन्मान्तरों के पापों का हरण होता है। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि श्रीरामचंद्र के स्मरण मात्र से मानव को सदगति की प्राप्ति होती है। रूद्र महायज्ञ में आचार्य अमन अवस्थी, दीपांक अवस्थी, संजय कुमार्चली के नेतृत्व में 18 सदस्यीय विद्वान आचार्यों द्वारा हवन में अनेक प्रकार की पूजा सामाग्रियों की आहुतियां डालकर विश्व कल्याण व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की जा रही है।
श्रीराम कथा में राहुल, अमित, संजय द्वारा ध्वनि पर साथ दिया जा रहा है, जबकि योगेन्द्र वाजपेयी द्वारा अपनी पत्नी स्वर्गीय कविता वाजपेयी की पुण्य स्मृति में विशाल भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप रावत, मनोज पांडेय, बीरेन्द्र बिष्ट, संदीप बेंजवाल, प्रधान विनीता रमोला, पूर्व प्रधान पशुपतिनाथ कुर्माचली, क्षेत्र पंचायत सदस्य अनीता देवी, मन्दिर समिति अध्यक्ष सूरज नन्दवाण, उमेश चन्द्र कुर्माचली, प्रमोद कुर्माचली, जगत सिंह रमोला, शिवानन्द अथवाल, हीरा सिंह रमोला, दुर्गेश कुर्माचली, राजेन्द्र सिंह बर्त्वाल, महेन्द्र सिंह राणा, लक्ष्मण शुक्ला सहित जामू गांव के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, सदस्य व सैकड़ों भक्त मौजूद थे।