उत्तराखंड

मृत्युंजय हीरेमठ के अचानक जाने से हर कोई दुखी

दुखद

उखीमठ। श्री केदारनाथ के परम शैव सुमधुर आवाज के धनी बद्री केदार मंदिर समिति के वेदपति मृत्युंजय हीरेमठ का आकस्मिक निधन हो गया है। उनके निधन पर संपूर्ण केदार घाटी, जनपद रुद्रप्रयाग सहित अनेक जगह में शोक की लहर है। ऐसे दिव्य पुरुष को खोने से हर कोई दुखी है। उनके जाने का दर्द हमेशा रहेगा और उनकी कमी सदा खलती रहेगी।

चालीस वर्षीय मृत्युंजय  हीरेमठ के निधन से क्षेत्र में शोक का माहौल है। धार्मिक ,सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के अलावा देश-विदेश के भक्तों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति करार दिया। हीरेमठ हर किसी के दिलों में थे। उनका मृदुल व्यवहार, सौम्यता, कंठ में सरस्वती का वास और हर किसी के प्रति प्रेम को कभी भी भुलाया नही जा सकता है।

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