
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम यात्रा सकुशल संपंन होने के बाद पुलिस ने पुलिस लाइन रतूड़ा में बड़े खाने का आयोजन किया गया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक ने यात्राकाल में सराहनीय कार्य करने पर 8 पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया गया।
यात्रा में बेहतर कार्य करने पर एसपी ने जताया सभी पुलिस कार्मिकों का आभार
कार्यक्रम में ब्रीफिंग सैशन को संबोधित करते हुए सबसे पहले पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे ने पुलिस कार्मिकों को यात्रा की सफलता पर बधाई दी। कहा कि वर्ष की यात्रा में कई रिकार्ड बने हैं। इस दौरान यात्रा में नियुक्त सभी प्रभारियों व कार्मिकों से यात्रा में आई दिक्कतों व भविष्य के सुझावों को बताने के लिए आमंत्रित किया। अपने अनुभवों को साझा करते हुए कार्मिकों ने पुलिस अधीक्षक द्वारा यात्रा अवधि में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की सराहना की। कहा कि गौरीकुंड चौकी व सोनप्रयाग थाने में लगे सोलर पैनल से मिलने वाले गरम पानी की सुविधा ने पुलिस कार्मिकों के हित में कार्य किया गया है। इस वर्ष की यात्रा में पुलिस बल के रुकने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई थी। पुलिस प्रभारियों व कार्मिकों द्वारा दिए गए यात्रा अनुभवों व सुझावों में से कुछ ऐसे सुझाव आए जिन्हें स्थानीय प्रशासन व पुलिस मुख्यालय के स्तर से कार्यवाही के लिए रखा गया है। इसके लिए पुलिस अधीक्षक ने पुलिस कार्मिकों को आश्वस्त किया।
केदारनाथ यात्रा सकुशल संपंन होने पर पुलिस ने किया बडे खाने का आयोजन
इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी विमल रावत ने कहा कि यात्रा ड्यूटी में नियुक्त रहे हर कार्मिक द्वारा अपना सर्वश्रेष्ठ दिया गया है। पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन्स/यातायात हर्षवर्द्धनी सुमन ने कहा कि उनके लिए हर पुलिस कर्मी एक हीरो के समान है। सभी ने विषम परिस्थितियों, बर्फ में रहकर अपना योगदान दिया है। पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार की यात्रा से पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप बनाई गई योजना को सभी द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया गया है। इधर पुलिस अधीक्षक ने यात्रा सफल होने पर पुलिस जवान, एसडीआरएफ, एलआईयू, फायर सर्विस, पीएसी, एनडीआरएफ, होमगार्ड, पीआरडी, पुलिस की सभी इकाईयों एवं बाहरी जनपदों से यात्रा सीजन में ड्यूटी देने वाले पुलिस बल का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में पुलिस परिवार के बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। मुख्य आरक्षी मनमोहन कप्रवाण द्वारा गढ़वाली गीतों से समां बांध दिया।