रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की यात्रा में अव्यवस्थाओं से नाराज केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने धरना देने की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यदि उनके द्वारा दिए पत्र पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह स्वयं धरना देने के लिए मजबूर होंगी। विधायक ने प्रदेश के जिम्मेदार अफसरों द्वारा प्रोटोकॉल का पालन न करने पर भी चिंता जाहिर की।
सीएम पुष्कर धामी को दिया केदारनाथ की विभिन्न समस्याओं को लेकर ज्ञापन
मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में विधायक ने कहा कि केदारनाथ यात्रा चरम पर है। यात्रा व्यस्थाओं को और मजबूत बनाने की जरूरत है। इसके लिए अतिरिक्त वित्तीय व्यवस्था एवं जनशक्ति की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि यात्रा का संचालन बेहतर तरीके से किया जा सके। कहा कि रात्रि के समय केदारनाथ धाम से श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों के आवगमन पर रोक लगाई जाए। रात्रि के समय पैदल मार्ग पर जंगली जानवरों एवं पत्थर गिरने का भय बना रहता है। गढ़वाल मण्डल विकास निगम की ओर से केदारनाथ में लगाए गए टेण्टों की संख्या को सीमित किया जाए। जिससे स्थानीय बेरोजगार अपनी छोटी-छोटी दुकानें एवं टैण्टेज लगाकर स्वरोजगार किया जा सके। केदारनाथ यात्रा के शेरसी से सोनप्रयाग के मध्य आए दिन लगने वाले वाहनों के जाम से निजात दिलाने की समुचित ट्रैफिक व्यवस्था की नितान्त आवश्यकता है। केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन एवं निगरानी के लिए अलग से मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाए, वह यात्रा व्यवस्था में लगे सभी विभागीय कर्मचारियों से समन्वय स्थापित कर सके। केदारनाथ यात्रा के उचित संचालन के लिए अतिरिक्त मैन पावर बढ़ाई जाए, जिसमें अतिरिक्त पुलिस बल एसडीआरएफ, आर्मी एवं अतिरिक्त पीआरडी जवानों की नियुक्ति की जाए। मन्दिर समिति के कर्मचारियों को तीर्थयात्रियों को दर्शन कराने के लिए अतिरिक्त यात्रा व्यवस्था का कार्य भी दिया जाए।
पैदल मार्ग पर रातभर यात्रियों की आवाजाही से हो सकता है मार्ग पर हादसा
श्री केदारनाथ यात्रा में संचालित घोडे खच्चरों को जरूरत के अनुसार लाइसेंस एवं रजिट्रेशन किए जाए। गौरीकुण्ड स्थित घोड़ा पड़ाव में आपदा में बहे पुल का पुननिर्माण किए जाने की नितान्त आवश्यकता है। इस पुल के निर्माण से घोडा पड़ाव व पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों की अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है। उपरोक्त बिन्दुओं का गम्भीरता लेते हुए उचित कार्यवाही करने की मांग की। यदि उपरोक्त बिन्दुओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है, तो मुझे स्वयं धरना देने के लिए बाध्य होना पडेगा।