सिंगल यूज प्लास्टिक बंद होने पर विकल्प के रूप में तैयार कर रही कपड़े के थैले
रुद्रप्रयाग। मन में कुछ करने का जज्बा हो तो कठिन से कठिन मुश्किलें भी कामयाबी की राह नहीं रोक पाती है। रुद्रप्रयाग जिले की नगर पंचायत तिलवाड़ा में भी ऐसे ही काम हो रहे हैं जो महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाते हुए आगे बढ़ा रहे हैं। इसमें नपं अध्यक्ष और ईओ लगातार अभिवन प्रयोग कर रहे हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगने के बाद इसे अवसर में बदलने के लिए नगर पंचायत तिलवाड़ा ने अनोखी पहल शुरू की है। नगर पंचायत अध्यक्ष संजू जगवाण और अधिशासी अधिकारी वासुदेव डंगवाल ने स्थानीय महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर कपड़े के थैले बनाकर इसे रोजगार के रूप में बदलने का काम किया है। महिलाओं द्वारा 500 रुपये से शुरू की गई आय 5 हजार तक पहुंच गई है।
स्थानीय एवं समूह से जुड़ी महिलाएं अब तक दो हजार थैले कर चुकी है तैयार
एक जुलाई से प्रदेशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णतः प्रतिबंध लगने के बाद नगर पंचायत तिलवाड़ा ने पर्यावरण के संरक्षण के साथ ही महिला एवं महिला समूह को रोजगार देने के उद्देश्य से अभिनव पहल शुरू की है। ऐसे क्षण को अवसर में बदलने की दिशा में यह पहल सराहनीय मानी जा रही है।
महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नगर पंचायत कर रही लगातार प्रयास
नगर पंचायत तिलवाड़ा की अध्यक्षा संजू जगवाण और अधिशासी अधिकारी वासुदेव डंगवाल ने स्थानीय महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों के साथ बैठक कर उनसे वृहद रुप में कपड़े का सेंपल देकर सिलाई की दर निश्चित की। साथ ही इसके लिए मूल्यांकन करने को कहा। कपड़ा क्रय कर सिलाई करने वाले समूह मातृ शक्ति को उपलब्ध कराया गया और डिजाइन तय कर प्रति थैला सिलाई 13 रुपये पर सहमति बनी। शुरुआत में बेहद कम मूल्य पर आकर्षण कम देखा गया किंतु धीरे-धीरे जो उत्साह और दिलचस्पी दिखी वह देखने लायक थी। महिला समूह और स्थानीय महिलाओं ने थैलों की सिलाई से 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये की आय हासिल की। देखते ही देखते कुछ ही दिन में दो हजार से अधिक थैले तैयार कर दिए गए। अब, महिलाओं द्वारा अखबार के लिफाफे बनाने की योजना है। इस पर भी शुरू किया जाएगा। इधर, स्थानीय लोगों ने नपं की इस पहल का स्वागत किया है। स्थानीय लोगों ने नपं की इस पहल का स्वागत किया है। नगर पंचायत अध्यक्ष संजू जगवाण कहती है कि वह नगर पंचायत क्षेत्र में अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार देने के प्रयास किए जा रहे हैं। कपड़े के थैले बनाने का अच्छा रिस्पांस मिला है। आगे और भी कार्य करने की योजना है।
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