उत्तराखंड

विश्व धरोहर में शामिल कराएंगे 300 साल पुरानी रामलीला: महाराज

रामलीला

काशीराज परिवार के आग्रह पर वाराणसी में रामलीला देखने पहुंचे महाराज

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वह वाराणसी स्थित रामनगर की 300 साल पुरानी रामलीला को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में दर्ज करवाने का प्रयास करेंगे।

यह अदभुत संयोग है कि काशी नगरी इन दिनों राममय हुई

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व की मिशाल वाराणसी स्थित रामनगर की 300 साल पुरानी रामलीला जिसका मंचन अलग-अलग मंचों पर पूरे शहर में किया जाता है, में भाग लेने वहां पहुंचे हैं। इस मौके पर उन्होने कहा कि अद्भुत संयोग है कि बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी इन दिनों राममय हो गई है। रामनगर में चल रही रामलीला देशभर में प्रसिद्ध है। हमारा प्रयास है कि अपनी संस्कृति को विश्व को दिखाया जाए।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में भी रामनगर की ही तरह होती है विश्व प्रसिद्ध रामलीला

इसलिए वह वाराणसी स्थित रामनगर की 300 साल पुरानी रामलीला को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में दर्ज करवाने का प्रयास करेंगे। महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में भी रामनगर की ही तरह विश्व प्रसिद्ध रामलीला होती है जिसे यूनेस्को में रजिस्टर्ड कराया गया है। रामनगर की यह रामलीला भी भारत की अमुल्य धरोहर है इसलिए इसको संरक्षित करना और आगे बढाना हम सब का दायित्व है। वाराणसी स्थित रामनगर में होने वाली रामलीला की इस परंपरा को सहेजकर रखने में काशीराज परिवार का विशेष योगदान है। काशीराज परिवार के आग्रह पर ही महाराज यहां पहुंचे हैं।

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