उत्तराखंड

स्थानांतरण के लिए काउंसलिंग में क्यों भड़क गए शिक्षक: पढ़िए खबर

रुद्रप्रयाग। स्थानांतरण अधिनियम के अनुरूप शिक्षकों को स्थानांतरण का लाभ न दिए जाने से आक्रोशित शिक्षकों ने विकास भवन में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षकों ने कहा कि अधिकारी स्थानांतरण अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं। यदि ऐसा ही रहा तो वे न्यायालय की शरण जाने को मजबूर होंगे।

स्थानांतरण अधिनियम के अनुरूप लाभ न देने पर शिक्षकों में आक्रोश

रविवार को विकास भवन में आयोजित स्थानांतरण काउंसलिंग में बड़ी संख्या में प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक पहुंचे। मुख्य विकास अधिकारी की मौजूदगी में कई अधिकारियों द्वारा काउंसलिंग ली जा रही थी कि इसी बीच शिक्षकों ने स्थानांतरण का अधिनियम के तहत उचित लाभ न दिए जाने पर आपत्ति की। साथ ही विरोध करने लगे। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह झिंक्वाण ने कहा कि कर्मचारी-शिक्षकों की मांग पर सरकार ने स्थानातंरण अधिनियम बनाया किंतु अब अधिकारी इसका सही रूप से पालन नहीं कर पा रहे हैं। जिन्होंने आवेदन किया है उन्हें अधिनियम के तहत उचित लाभ नहीं दिया जा रहा है जबकि जबरन लिखवाया जा रहा है। अपने विकासखंड का विद्यालय भी नहीं दिया जा रहा है और जबरन दूसरे विकासखंड का विद्यालय लिखवाया जा रहा है।

विकास भवन में की शिक्षकों ने नारेबाजी और प्रदर्शन

जबकि अधिनियम में विकासखंड की बाध्यता नहीं है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिव सिंह पंवार ने कहा कि पारदर्शी स्थानांतरण के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की गई किंतु इसमें अधिकारियों द्वारा बिना अधिनियम को समझे जबरन एकतरफी कार्यवाही की जा रही है जिससे शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों ने कहा कि यदि इसी तरह कार्यवाही की गई तो शिक्षक आक्रोशित होकर सड़कों पर आंदोलन को बाध्य होगा साथ ही जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण में जाएगा। इस मौके पर दिनेश चन्द्र भट्ट, रघुवीर बुटोला, जूहाशिसं के संरक्षक मगनानंद भट्ट सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।

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