रजिस्ट्रेशन और डिक्लरेशन से होगी केदारनाथ यात्रा प्रभावित: त्रिभुवन
पत्रकार वार्ता में बोले त्रिभुवन

रुद्रप्रयाग। आने वाली केदारनाथ यात्रा के लिए सरकार द्वारा रजिस्ट्रेशन के साथ डिक्लरेशन की व्यवस्था अनिर्वाय करने का केदारनाथ की जनता विरोध करेगी। केदारनाथ विधानसभा से उप चुनाव लड़ चुके सामाजिक कार्यकर्ता त्रिभुवन चौहान ने कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर केदारनाथ यात्रा को लेकर बुनियादी समस्याओं को हल नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
एक सप्ताह में समस्याओं पर कार्यवाही नहीं हुई तो करेंगे बड़ा आंदोलन
मुख्यालय में एक निजी होटल में प्रेस वार्ता करते हुए त्रिभुवन चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड आकर यहां के विकास की बातें कर रहे हैं उनका स्वागत है किंतु घाम तापो पर्यटन का आह्वान करना क्या इशारा है। उन्होंने सवाल उठाए कि यहां के लोग क्या घाम ताप रहे हैं। पीएम द्वारा केदारनाथ रोपवे के लिए 4900 करोड़ की स्वीकृति के लिए उन्होंने आभार जताया। साथ ही यह भी कहा कि यह अच्छी पहल है किंतु सोनप्रयाग और गौरीकुंड से तैयार होने वाले रोपवे का ड्राफ्ट क्या होगा। इससे कौन से गांव प्रभावित होंगे, उनसे बातचीत हुई या नहीं इन पर भी राय स्पष्ट करनी होगी। उन्होंने कहा कि बीते दिन केदारनाथ की विधायक आशा नौटियाल ने कुछ अधिकारियों के साथ कुंड से गौरीकुंड तक भ्रमण किया। यह अच्छी बात है किंतु स्थानीय दुकान, होटल और ढ़ाबे को लेकर कहीं अतिक्रमण हटाने का प्रश्न किया तो इसमें अब लोग चुप नहीं बैठेंगे। पूर्व की यात्रा में भी फाटा से सोनप्रयाग तक बुल्डोजर लेकर आर्थिक कमजोर लोगों को बेघर किया गया। यदि ऐसा किया तो सरकार और प्रशासन यह समझ ले कि लोग बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि अतिक्रमण हटाने की बात की जा रही है तो यह अतिक्रमण कैसा है, यह सरकार और प्रशासन को स्पष्ट करना होगा। यदि केदारनाथ हाईवे पर सरकार और प्रशासन द्वारा बिना रोक टोक आंचल कैफे बनाए जा रहे हैं तो फिर यह भी अतिक्रमण के दायरे में है। अतिक्रमण की परिभाषा तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि अभी तक फाटा, सोनप्रयाग और गौरीकुंड में हाईवे ठीक नहीं हुआ है। उन्होंने यात्रा के लिए सरकार के रजिस्ट्रेशन और डिक्लरेशन के निर्णय पर सवाल उठाए हैं। कहा कि पूर्व में 2024 की यात्रा में सरकार ने रजिस्ट्रेशन के नाम पर पूरी यात्रा विफल कर दी थी और अब फिर रजिस्ट्रेशन के साथ डिक्लरेशन की बाध्यता की गई है।
पीएम मोदी के घाम तापो पर्यटन को लेकर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि केदारनाथ आने वाले यात्री को रजिस्ट्रेशन तो करना ही होगा, साथ ही एक डिक्लरेशन का फार्म भी भरना पड़ेगा, जिसमें यात्री को यात्रा की तारीख, साथ में शामिल लोगों की संख्या, होटल का नाम जहां रुकेंगे, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन आदि तमाम जानकारियां देनी होंगी। कहा कि इन अव्यवस्थाओं को पैदा कर फिर से केदारनाथ यात्रा को डायर्वट करने का प्रयास किया जा रहा है। दोबारा से यात्रा को कहीं कैंची धाम भेजने की तैयारी तो नहीं की जा रही है। कहा कि 40 फीसदी यात्री ही ऑनलाइन बुकिंग करते हैं किंतु 60 फीसदी यात्री कैसे यात्रा करेंगे। इस पर विचार करने की जरूरत है। कहा कि जैसे वर्षो पूर्व यात्रा चलती रही है वैसे यात्रा चलाने में क्या दिक्क्त आ रही हैं। यात्रा मार्ग में व्यवस्थाएं पर्याप्त है। चौहान ने यात्रा में एएनपीआर (ऑटोमैटिक नम्बर प्लेट रिकगनेशन कंपनी) द्वारा 30 कैमरा लगाने पर भी सवाल उठाए है। कहीं यह कैमरा बचेने वाली कंपनी को फायदा देने के लिए तो नहीं किया जा रहा है। कहा कि जनपद में एआरटीओ नहीं है यात्रा कैसे चलेगी। सड़क, पानी, बिजली की बेहतर व्यवस्था नहीं हुई है। मुनकटिया, फाटा में हाईवे खराब है। जबकि यात्रा के लिए महज डेढ़ महीने का समय शेष बचा है। सरकार और प्रशासन कभी होटल व्यवासायी, घोड़ा खच्चर और स्थानीय लोगों से बातचीत कर यात्रा की योजना नहीं बनाती है। उन्होंने कहा कि हमें सूत्रों से जानकारी रही है कि बीकेटीसी जैसे महत्वपूर्ण संस्थान में अब बीकेटीसी अध्यक्ष के लिए हल्द्वानी के एक खनन माफिया को बनाने की खबरें आ रही है। जिनका ताल्लुकात आरएसएस से है। कहा कि बीकेटीसी का अध्यक्ष हर हाल में इसी क्षेत्र का बनाया जाए तो यहां की हकीकत को जानता है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में दुकानें आवंटित होती है किंतु जिन्हें दुकानें नहीं मिलती है उनका पैसा भी उन्हें वापस नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हम जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। केदारनाथ यात्रा की बेहतरी के साथ ही स्थानीय जनता के हितों की बात कर रहे हैं। इसके लिए यदि एक सप्ताह में समस्याएं हल नहीं हुई तो रुद्रप्रयाग संघर्ष समिति बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे।