
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग स्थित गुलाबराय मैदान में श्रीराम कथा के आठवें दिन प्रख्यात कथा प्रवक्ता संत मोरारी बापू ने कहा कि हम बेकार की चिंता करते हैं। अपनी चिंता प्रभु को समर्पित कर दें तो जीवन सार्थक हो सकता है। हरि नाम का सुमिरन शांत चिंत मन से करें। कहा कि प्रेम में कोई वस्तु नहीं दी जाती है स्वंय को प्रभु को समर्पित करना पड़ता है।
कल पूर्णाहूति के साथ संपंन होगी 9 दिवसीय श्रीराम कथा
मानस-रुद्र संहिता पर केंद्रित करते हुए बड़ी संख्या में भक्तों को रामकथा का रसपान कराते हुए मोरारी बापू ने कहा कि भगवान राम-सीता, राम-हनुमान, राम-भरत, राम-शबरी, केवट-राम आदि का प्रंसग बताते हुए प्रेम को परिभाषित किया। बापू ने कहा कि मनुष्य को चिंता छोड़कर अदृश्य शक्ति पर भरोसा करना चाहिए जो, हमें निरंतर सदमार्ग पर ले जाती है। हम पर असीम कृपा बरसाती है। उन्होंने कहा कि शिव पुराण में वर्णन है कि पतिव्रता स्त्री पार्वती का प्रतीक है जबकि पत्नी परायण पुरुष शिव का प्रतीक है। बापू ने कहा कि प्रेम में वो शक्ति है जिसका कोई विकल्प नहीं है। हनुमान ने प्रभु राम से प्रेम किया।
मनुष्य को चिंता छोड़कर प्रभु की भक्ति में होना चाहिए लीन
लक्ष्मण और भरत का राम के प्रति प्रेम इसके प्रतीक है। रविवार कल कथा का पूर्णाहूति के साथ समापन होगा। इस मौके पर कथा के मुख्य यजमान रूपल कनकिया ने कथा श्रवण को आए देश के विभिन्न प्रदेशों के साथ ही जनपद रुद्रप्रयाग के सभी भक्तों का आभार और धन्यवाद किया। इस मौके पर रसेश कनकिया, हिमांशु कनकिया, रूपल कनकिया, हीरल कनकिया, आशीष कनकिया, नियति कनकिया, वृतान्त कनकिया, वृष्टि कनकिया और परिवार, साजिथ कुमार, राम कुमार झा, विवेक भुट्टा, ग्रीनिज, प्रकाश हल्दे, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, प्रवीण सेमवाल, राजेंद्र नौटियाल आदि मौजूद थे।
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