उत्तराखंड

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती होंगें ज्योतिर मठ के शंकराचार्य

घोषणा

द्वारका पीठ के सचिव स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती शारदा पीठ के शंकराचार्य होंगे

देहरादून। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने के बाद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद पर उनके प्रतिनिधि शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पीठ के शंकराचार्य होंगे। नरसिंहपुर में आज अधिकारिक रूप से सार्वजनिक घोषणा कर दी गई।

वर्ष 2006 में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से ली दीक्षा

रविवार को 99 वर्ष की उम्र में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती देवस्थान नरसिंहपुर आश्रम में ब्रह्मलीन हो गए थे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि शिष्य के रूप में बीते कई वर्षों से ज्योतिर्मठ की सभी धार्मिक एवं अन्य गतिविधियों को देख रहे थे। वर्ष 2006 में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से दीक्षा ली थी और उसके बाद वह स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के नाम से पहचाने जाने लगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य का पद शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के दंडी शिष्य व द्वारका मठा के सचिव का कार्यभार देख रहे सदानंद सरस्वती संभालेंगे।

 

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