उत्तराखंड

छात्र संघ अध्यक्ष गौरव को जबरन उठाकर कराया अस्पताल भर्ती

छात्र आंदोलन

रुद्रप्रयाग। अगस्त्यमुनि पीजी कालेज बीते कई दिनों से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट को आज प्रशासन ने पांचवे दिन धरना स्थल से जबरन उठा दिया। पुलिस फोर्स ने जबरन कार्रवाई करते हुए उन्हें जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में भर्ती कराया है। इस बीच छात्रों की पुलिस से नोक झोंक भी हुई। इधर, आंदोलन को तेजी देने के लिए छात्र महासंघ के और पदाधिकारी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

आंदोलन को तेजी देने के लिए और छात्र पदाधिकारी बैठे भूख हड़ताल पर

अगस्त्यमुनि में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर छात्र आंदोलन जारी है। इस बीच छात्र लगातार शासन-प्रशासन और कॉलेज के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। आंदोलन को गति देने के लिए छात्र महासंघ के अध्यक्ष संतोष त्रिवेदी, भानू चमोला एवं नितिन नेगी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। वहीं भूख हड़ताल पर बैठे गौरव भट्ट को उठाने के लिए आज पुलिस को एक घंटा संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी करते हुए पुलिस का घोर विरोध किया। छात्र छात्राओं ने कॉलेज का गेट बन्द कर गाड़ी को अन्दर ही रोक लिया। कई छात्र छात्राएं पुलिस की गाड़ी के आगे लेट गए। पुलिस को छात्रों को हटाने तथा गौरव को वहां से ले जाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। बीते कई दिनों से छात्रों की नौ सूत्रीय मांग को लेकर अभाविप आन्दोलन चला रहा है। आन्दोलन को लेकर शनिवार 26 अगस्त को छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। इस दौरान उनसे मिलने केदारनाथ विधायक शैलारानी भी पहुंची और उनकी समस्याओं पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत से वार्ता करने का आश्वासन दिया। चौथे दिन मंगलवार को अनशनकारी छात्र की मेडिकल जांच के लिए सीएचसी अगस्त्यमुनि से डॉक्टरों की टीम धरनास्थल पर पहुंची। इस दौरान उनके स्वास्थ्य में कमी पाई गई। जिसके बाद पुलिस प्रशासन उन्हें उठाकर अस्पताल में भर्ती करने की रणनीति बनाने लगा।

छात्रों ने की प्रशासन-पुलिस के खिलाफ जमबर नारेबाजी

मंगलवार रात्रि करीब नौ बजे नायब तहसीलदार रुद्रप्रयाग के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अनशनकारी छात्र को उठाने का प्रयास किया, किंतु छात्र छात्राओं की भीड़ ने उन्हे ऐसा करने से रोक दिया। छात्रों की भीड़ को देखते हुए पुलिस टीम बैरंग वापस आ गई। प्रशासन ने रात्रि दो बजे फिर से अनशनकारी छात्र को उठाने की कोशिश की, किंतु इस बार भी छात्र सतर्क रहे। उन्होंने अनशनकारी छात्र को अनशन स्थल से दूर सुरक्षित स्थान पर रख दिया। पुलिस के अनशन स्थल पहुंचने पर छात्र छात्राओं ने जमकर पुलिस का विरोध किया। जिसके बाद पुलिस को अपने हाथ पीछे खींचने पड़े। बुधवार को सुबह 11 बजे पुलिस फिर से तहसीलदार के नेतृत्व में अनशन स्थल पर पहुंची। पुलिस के अनशन स्थल पर पहुंचते ही छात्र नेता भड़क गए। उन्होंने जमकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्र नेताओं ने प्रशासन और पुलिस पर आन्दोलन को कुचलने का आरोप लगाया। इसी बीच चिकित्सकों की टीम अनशनकारी छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट की मेडिकल जांच करने लगी। मेडिकल जांच के बाद प्रशासन ने अचानक से गौरव भट्ट को अनशन स्थल से हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी। वहीं छात्रा छात्राओं ने इसका जमकर विरोध किया।

छात्रों ने लगाया प्रशासन पर आंदोलन को कुचलने का आरोप

स्वयं गौरव भट्ट किसी भी प्रकार से उठने के लिए तैयार नहीं हुए। काफी मशक्कत के बाद पुलिस टीम ने एएसआई प्रदीप चौहान के नेतृत्व में गौरव भट्ट को एम्बुलेंस की अनुपस्थिति में अपनी गाड़ी में बैठा दिया। छात्र छात्राओं ने तब तक मुख्य गेट बन्द कर गेट के आगे धरने पर बैठ गए। काफी प्रयासों के बाद पुलिस गौरव भट्ट को जिला चिकित्सालय ले गई। उनके साथ छात्र संघ महासचिव अनिकेत सिंह एवं कई अन्य छात्र भी गए। इस मौके पर अभाविप के विभाग संगठन मंत्री चैन सिंह रावत, विभाग सह संयोजक रोहित चौहान, जिला संयोजक अभिनव भट्ट, सहमंत्री अमित मिश्रा, कोषाध्यक्ष सोनम रावत, प्रकाश चौहान, खुशी नेगी, अजय कुमार, दिव्या, आशा सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद थी।

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