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पेयजल लाइन भी हो रही बार-बार क्षतिग्रस्त
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग- चिनग्वाड़ मोटर मार्ग का मलबा डंपिंग जोन के बजाय सीधे गदेरे में फेंका जा रहा है। जिससे रुद्रप्रयाग शहर के लिए बडा खतरा पैदा हो गया है। मलबा गदेरे में डाले से शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाली पेयजल योजना भी अक्सर क्षतिग्रस्त हो रही है। लेकिन प्रशासन की नाक के नीचे यह सब हो रहा है, बावजूद इसके मलबा डंपिंग जोन में डालने के बजाय गदेरे में डाला जा रहा है।
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पीएमजीएसवाई के तहत रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़ 9 किमी मोटरमार्ग के कटिंग का कार्य चल रहा है। नियमानुसार डंपिंग जोन में मलबा डाला जाना था, लेकिन मलबा सीधे गदेरे में डाला जा रहा है। कटिंग में सैकड़ों पेड़ों को भी नुकसान पहुंच रहा है। स्थानीय जनता बार-बार मलबे को डंपिंग जोन में फेंकने की मांग कर रही है।
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रुद्रप्रयाग शहर के ठीक ऊपर से यह पुनाड़ गदेरा स्थित है।, बरसात में इसमें भारी मात्रा में पानी आता है, जिससे शहर के नए व पुराना बस अड्डे के आवासीय भवनों के लिए कई बार पूरी रात खतरे को देखते हुए बिना सोए ही गुजारते हैं। लेकिन इस बार गदेरे में बड़ी मात्रा में मलबा डाले जाने से खतरा काफी अधिक बढ़ गया है।
मलबा गदेरे में जगह-जगह फेंके जाने से नगर क्षेत्र की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो रही है। बरसात में डांगसेरा, काला पहाड़, हितडांग, बस अड्डा के साथ ही मेन मार्केट को पुनाड़ गदेरे से खतरा बना रहता है। स्थानीय निवासी अरूण कप्रवाण, भगत सिंह बिष्ट, गजेन्द्र सिंह कप्रवाण ने कहा कि मोटरमार्ग कटिंग की शुरूआत से ही विभाग को इस संबंध में अवगत कराया गया था, लेकिन विभाग ने अनदेखी की। मोटरमार्ग कटिंग से सैकड़ों पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। यह पेड़ भी गदेरे में फेंके जा रहे हैं, जो बरसाती दिनों में तबाही का कारण बन सकते हैं।
वहीं जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने कहा कि पुनाड़ गदेरे के ऊपर रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़ मोटरमार्ग कटिंग का कार्य चल रहा है। कटिंग का मलबा सीधे पुनाड़ गदेरे में फेंक रहा है, जिस कारण पेयजल लाइन भी बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है। पीएमजीएसवाई को पत्र भेजकर लाइन दुरूस्त करने को कहा गया, लेकिन विभाग की ओर से हर बार टालमटोल किया गया, जिस कारण नगर की जनता को परेशान होना पड़ रहा है।