
विकास भवन में किया अधिकारी कर्मचारियों को जागरूक
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि द्वारा नशा मुक्ति को लेकर निरंतर कार्यक्रम किया जा रहा है। मंगलवार को संस्था द्वारा विकास भवन सभागार में कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को नशे के प्रति सजग किया।
14 मार्च को नशा मुक्त उत्तराखंड करने के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारिज ईश्वरीय विश्व विद्यालय, रुद्रप्रयाग गढ़वाल ने मेरा उत्तराखंड, व्यसन मुक्त उत्तराखंड अभियान आयोजित कर रुद्रप्रयाग सहित समस्त गढ़वाल क्षेत्र को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए मोबाइल वैन द्वारा प्रोजेक्टर शो के माध्यम से सेवाओं का पूरी जानकारी दी। विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार की मौजूदगी में व्यसन मुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें 60 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जागरूक किया गया।
नशे के प्रति रुद्रप्रयाग जिले में अनेक स्थानों पर लोगों को कर रहे जागरूक
इस मौके पर ग्राम सेम में व्यसनमुक्ति शिविर में 50 से अधिक माताओं एवं बहनों को जागरूक किया गया। जबकि ग्राम तिलणी में 70 से अधिक ग्रामीणों को राजयोग प्रशिक्षण और व्यसन मुक्ति के प्रति जागरूक किया गया I इन कार्यक्रमों में बीके नितीश ने बताया कि आधुनिक समय मे स्वयं को शरीर मान लेने की गलती से व्यक्ति बाहरी वस्तुओं से अस्थाई शांति तथा आनंद प्राप्त करने का भरसक प्रयास करता है जो कि उसके नियंत्रण से बाहर है, और इस प्रकार की बाह्य वस्तुओं को पा लेने के प्रयास में व्यक्ति नशीली दवाओं के चंगुल में फंस जाता है। राजयोग हमें विवेकशील बनाता है। मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने नशा मुक्ति कार्यक्रम अभियान से प्रभावित होकर इसकी सराहना की। बताया कि भारत रथ ब्रह्माकुमारिज द्वारा की गई पहल सार्थक साबित होगी। इस मौके पर गढ़वाल जोन डायरेक्टर भ्राता मेहर चंद जी, बीके नीलम, बीके ज्योति, बीके लक्ष्मी, बीके जगमोहन, बीके सनोज आदि मौजूद थे।
व्यापार संघ से भी किया आग्रह
व्यापार संघ से नशे के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया गया। इस मौके पर प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान से जुड़ी महिलाओं ने भागीदारी करते हुए जन जन को नशे के प्रति सजक करने का संकल्प लिया। साथ ही अपने स्तर से भी अभियान की सफलता के प्रयास करने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल, वरिष्ठ व्यापारी दीवान सिंह आदि मौजूद थे।