उत्तराखंड

पुनाड़ पांडव चौक में 4 दिसम्बर से शुरू होगी पांडव लीला

पांडव लीला

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग मुख्यालय स्थित पुनाड़ पांडव चौक में पांडव नृत्य को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। आयोजन को भव्य बनाने के लिए रविवार को पांडव चौक में अहम बैठक आयोजित की गई जिसमें निर्णय लिया गया कि इस वर्ष 4 दिसम्बर से पांडव नृत्य का शुभांरभ किया जाएगा। जबकि 8 दिसम्बर को बाण पूजन के साथ अस्त्र शस्त्रों का नृत्य शुरू होगा। 22 दिसम्बर को गैंडा कौथीग और 25 दिसम्बर को मोरी डाली कौथीग के साथ धार्मिक अनुष्ठान का समापन होगा।

पांडव नृत्य एवं शिव समिति ने रविवार को की तैयारियों को लेकर अहम बैठक

रविवार को पुनाड़ पांडव चौक में पांडव नृत्य एवं शिव समिति के अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र भारती की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभिन्न व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सभी के सहयोग से 4 दिसम्बर से पांडव लीला का विधिवित शुभारंभ किया जाएगा। 8 दिसम्बर से अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन शुरू होगा। जबकि 11 दिसंबर सोमवार को महादेव पूजन का दिन निश्चित किया गया। 22 दिसंबर शुक्रवार को गेंडा कौथीग का भव्य आयोजन होगा। जबकि 23 दिसंबर शनिवार को पांडव गंगा स्नान के लिए अलकनंदा तट पर पहुंचेगे। 24 दिसंबर रविवार को हाथी कौथीग होगा। 25 दिसंबर सोमवार को मोरी डाली कौथीग के साथ पांडव नृत्य का समापन किया जाएगा। सामुहिक सहयोग से संपंन होने वाले आयोजन के लिए प्रति परिवार 400 रुपये नगद धनराशि जमा की जाएगी। बैठक में पांडव लीला के लिए लकड़ी, चाय की दुकान, साउंड एवं टेंट, पांडवाडी, चौक की लिपाई सहित अनेक व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा करते हुए जिम्मेदारी सौंपी गई। निर्णय लिया गया कि इस बार आयोजन के लिए सभी धियाणियों को आंमत्रित किया जाएगा। साथ ही उन्हें प्रसाद के रूप में रोट कलेव भेंट किया जाएगा।

यह लोग थे मौजूद

इस मौके पर पंडित कलेश्वर प्रसाद सेमवाल, चन्द्रप्रकाश सेमवाल, महेश चन्द्र डियून्डी, दिगम्बर प्रसाद सेमवाल, रामचन्द्र नौटियाल, अध्यक्ष प्रकाश प्रकाश चन्द्र भारती, सचिव सुनील नौटियाल, कोषाध्यक्ष विक्रम कप्रवान, चन्द्रमोहन सेमवाल, शैलेंद्र भारती, चक्रधर प्रसाद सेमवाल, विजय कप्रवाण, बलवंत सिंह, सरदार सिंह पंवार, नरेंद्र प्रसाद, हरीश गिरी, राजेंद्र गिरी, यमुना प्रसाद सेमवाल, गोविंद प्रसाद गिरी, नरेंद्र प्रसाद, तोताराम, बलवंत सिंह, जयवीर सिंह, शंकर पंवार, प्रवीण पंवार, हरीश कप्रवाण, धीरज पंवार, दिनेश कप्रवाण, संजय बिष्ट, नरेंद्र सिंह बिष्ट, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, देवेंद्र सिंह बिष्ट, रघुवीर पंवार, भारत सिंह बिष्ट, नीरज नौटियाल, स्वाधीन सेमवाल, संजय देवली, भगत सिंह पंवार, दिनेश कप्रवाण, संदीप कप्रवाण, कालिका प्रसाद सेमवाल, सूरज नौटियाल, विपुल नौटियाल, भरत सिंह, शंभू प्रसाद, दीपेश्वर प्रसाद, हरीश पंवार सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।

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