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रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जनपद के एक दूरस्थ गांव को बेटा अंगद बिष्ट इन दिनों चीन में एमएमए फाइट में विरोधियों को धूल चटा रहा है। अपने हुनर और कुशल तकनीकी से अंगद ने एमएमए फाइट में पहले राउंड में ही नॉक आउट पंच मारकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है।
चीन में हो रही रोड-टू-यूएफसी फाइट में किया सेमीफाइनल में प्रवेश
रुद्रप्रयाग की धनपुर पट्टी के ग्राम पंचायत चिनग्वाड़ के मोलखंडी गांव का रहने वाला अंगद बिष्ट वर्तमान में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। एमएमए फाइट में उनकी लगातार कामयाबी से न केवल रुद्रप्रयाग बल्कि उत्तराखंड और भारत को भी गौरवान्वित होने का अवसर मिला है। अंगद बिष्ट ने रुद्रप्रयाग से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद एमबीबीएस में प्रवेश लिया था किंतु बीच में ही उनकी रुचि जिम की तरफ गई और पढ़ाई छोड़कर देहरादून में जिम शुरू कर दिया। इसी बीच वे एमएमए की फाइट से भी जुड़ने लगे और इसे अपना लक्ष्य बनाने लगे। अपने दम पर कामयाबी का लोहा मनाने लगे। अब तक अंगद ने विभिन्न प्रदेशों में हुई 10 एमएमए की फाइटों में 8 में कामयाबी पाई है। पहाड़ के बेटे ने एमएमए फाइट को ही अपना प्रमुख लक्ष्य बनाया है जिसमें वे लगातार सफलता पा रहे हैं। अंगद की कामयाबी पर जनपद रुद्रप्रयाग में उनके प्रशंसकों ने खुशी व्यक्त की है। स्थानीय निवासी लक्ष्मण बिष्ट, नीरज बिष्ट, अशोक चौधरी, दिगम्बर रावत सहित अनेक लोगों ने अंगद की कामयाबी पर बधाई दी और खुशी व्यक्त की। इधर, अंगद के पिता मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि बेटे द्वारा एमएमए में कामयाबी से हमें भी गौरवान्वित होने का अवसर मिलता है। दूरस्थ गांव के होने के बाद बेटे की कामयाबी से हमें भी काफी खुशी होती है। अंगद ने स्वयं से काफी मेहनत की और वे जिस मुकाम पर है उनके पीछे उनका अथक प्रयास है।
देहरादून में है अंगद की म्यूटेंट एकेडमी
अंगद बिष्ट की देहरादून में म्यूटेंट एकेडमी है जहां वे एमएमए का प्रशिक्षण दे रहे हैं। वर्तमान में उनकी एकेडमी में विभिन्न प्रदेशों के करीब 500 बच्चे हैं। अंगद एमएमए के प्रति युवाओं को काफी जागरूक कर रहे हैं और उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दे रहे हैं।