उत्तराखंड

बर्सू गांव में महिलाओं ने श्रमदान कर की खेतों की सफाई

पहल

रुद्रप्रयाग। जीवी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान की पहल पर बर्सू गांव की महिलाओं द्वारा बर्सू गांव में रोज मेरी के पौधों को लगाने की पहल शुरू की जा रही है। हालांकि अभी पहले चरण में महिलाओं द्वारा बंजर पड़े खेतों की सफाई की गई। इस दौरान महिलाओं ने आने वाले दिनों में भी गांव में वृहद सफाई करने का संकल्प लिया।

आगामी दिनों में रोज मेरी के पौधों के रोपण की करेंगे तैयारी

बर्सू-पुनाड़ ग्राम महिला समिति द्वारा जीवी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान के दिशा-निर्देशन में बर्सू गांव में में महिलाओं द्वारा श्रमदान कर सफाई की गई। सुबह से ही महिलाओं ने करीब 8 खेतों की सफाई की। ताकि इन खेतों में रोज मेरी के पौधों को रोपण किया जा सके। बता दें कि रोज मेरी एक जीवाणुरोधी पौधा है। इसके कई फायदे हैं।

यह दवा बनाने के काम भी आता है। रोज मेरी से ग्रामीण आर्थिकी को मजबूत करने के लिए जीवी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान के निदेशक डा. सुनील नौटियाल ने बताया कि बर्सू गांव को लेकर संस्थान के वैज्ञानिक लगातार अध्ययन कर रहे हैं। रोज मेरी काफी फायदेमंद पौधा है और इसकी खेती कामयाब हुई तो ग्रामीण की आर्थिकी मजबूत हो सकती है। यदि ग्रामीण महिलाओं ने रोज मेरी का सफल उत्पादन किया तो आगामी समय में और भी कई योजनाओं का लाभ बर्सू गांव को दिया जाएगा।

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