101 भक्तों ने कलश के साथ किया कलश यात्रा में प्रतिभाग
रुद्रप्रयाग। सिलगढ़ पट्टी के कुमडी गांव में स्थित मां कुष्मांडा मंदिर में चल रहे नौ दिवसीय महायज्ञ के आठवें दिन भव्य जल कलश यात्रा निकाली गई जिसमें 101 भक्तों ने कलश के साथ शामिल होकर पुण्य अर्जित किए।
विश्व कल्याण एवं क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए बीते 12 जून से कुष्मांडा मंदिर में नौ दिवसीय महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। कुमडी के साथ ही बुडोली, पट्टीधार, पन्द्रोला, डांग सहित कई गांवों के सहयोग से करीब 12 वर्षो बाद इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हो रहा है। रविवार को भी ब्राह्मणों ने गणेश पूजा, पंचाग पूजा समेत नित्य पूजाएं संपन्न की। तथा आचार्य माहेश्वर प्रसाद पुरोहित के नेतृत्व में वैदिक मंत्रों के साथ यज्ञ में जौ तिल व घी की आहुतियां डाली।
महायज्ञ में लगभग 10 हजार से अधिक आहुतियां डाली जा चुकी है। इससे पूर्व क्षेत्रीय ग्रामीण एवं भक्तजन गांव के पौराणिक जल स्त्रोत नौलापाणी पहुंचे, जहां ब्राहमणों ने जल स्त्रोत की पूजा अर्चना कर भोग लगाया।जिसके बाद ही जल को कलशों में भरा गया। जैसे ही जल यात्रा अपने गतंव्य के लिए प्रस्थान हुई, वैसे ही भकतों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। जल यात्रा की अगुवाई क्षेत्रपाल देवता, महिलाओं के मांगल गीतों एवं झांकी ने किया। लगभग एक किमी दूर से जैसे ही जल यात्रा मंदिर परिसर पहुंची, वहां उपस्थित भक्तों ने अक्षत व फूलों से जल यात्रा का स्वागत किया। मंदिर की एक परिक्रमा के बाद जल कलश यात्रा को विराम दिया गया।
इस दौरान लगभग 15 हजार से अधिक भक्त जल कलश यात्रा के साक्षी बने। इससे पूर्व मंदिर में धियाणी एवं ग्रामीणों ने पहुंचकर पुण्य अर्जित कर रहे है। महायज्ञ में 20 जून को पूर्णाहुति के साथ समापन किया जाएगा। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन रावत ने बताया कि कुष्मांडा मंदिर में महायज्ञ सोमवार को पूर्णाहुति के साथ समापन होगा। इसके बाद मां कुष्मांडा की भोग मूर्तियों को गर्भगृह विराजमान किया जाएगा। अंतिम दिन मां की विदाई के अवसर पर अधिक से अधिक भक्तों से पहुंचने की अपील की है। इस अवसर पर ग्राम प्रधान दमयंती रावत, वीर सिंह रावत, मड़ापति प्रताप रावत, गोकल सिंह रावत, सुरेंद्र रावत, ओपी बहुगुणा समेत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व भक्तजन मौजूद थे।
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