अलकनंदा तट पर आईटीबीपी के 35 सदस्यीय दल ने दी सलामी
रुद्रप्रयाग। आईटीबीपी में एसआई पद पर तैनात मोहन प्रसाद डियून्डी को अलकनंदा नदी तट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वह अमरनाथ यात्रा को लेकर रामबन में तैनात थे, जहां उनकी अचानक तबियत बिगड़ गई और अस्पताल में उनका निधन हो गया। रविवार को बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ रामबन और गौचर से आईटीबीपी के करीब 35 सदस्यीय दल ने सैन्य सम्मान के साथ उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
नम आंखों के साथ ही बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने दी अंतिम विदाई
मुख्यालय के करीबी गांव पुनाड़ निवासी मोहन प्रसाद डियून्डी 1990 में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में भर्ती हुए। 54 वर्षीय मोहन प्रसाद ने छत्तीसगढ़, चेन्नई मद्रास, लेह लदाक, जम्मू कश्मीर सहित भारत के अनेक सीमाओं पर सेवाएं दी। जबकि उत्तराखंड के हर्षिल, चमोली, कुमांऊ आदि सीमाओं पर सेवा दी। बीते एक साल से वह काउंटर इंसरजंसी सीआई ऑपरेशन के लिए जम्मू कश्मीर में रामबन में तैनात थे। शुक्रवारको उनकी अचानक तबियत खराब हुई, और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया किंतु यहां से उनके निधन की दुखदभरी खबर आई। वह अपने पीछे पत्नी, दो बेटी और एक बेटे को छोड़ गए हैं।
छत्तीसगढ़, चेन्नई मद्रास, लेह लदाक, जम्मू कश्मीर सहित अनेक सीमाओं में दी सेवाएं
रामबन से आईटीबीपी के इस्पेक्टर यशवंत सिंह के नेतृत्व में 15 सदस्यीय दल उनके पार्थिव शरीर को रुद्रप्रयाग लाया। रविवार को गुलाबराय से उनके पार्थिव शरीर को सैन्य सम्मान के साथ पुनाड़ गांव लाया गया जहां से बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ आईटीबीपी के जवानों द्वारा पैतृक घाट लाया गया। यहां 42 राउंड फायर के साथ उन्हें सलामी दी गई। यहां मौजूद लोगों ने नम आखों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। इस मौके पर रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।
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