19 मई को मंत्रोचार के साथ खोले जाएंगे भगवान मदमहेश्वर के कपाट
रुद्रप्रयाग। द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 मई वैदिक मंत्रोचार के साथ तीर्थात्रियों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। धार्मिक परम्परा के तहत ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर से भगवान मदमहेश्वर की डोली मंगलवार को रवाना होगी। इसके लिए बदरी-केदार मंदिर समिति और स्थानीय लोगों ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।
बीते रविवार को शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के गृर्भ गृह से भगवान मदमहेश्वर की भोग मूर्तियों को सभामंडल लाकर डोली में सजाया गया। सोमवार को भी मदमहेश्वर धाम के लिए नियुक्त प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने भगवान मदमहेश्वर की मूर्तियों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर अभिषेक किया। दूसरे दिन भी सैडकों ने भगवान मदमहेश्वर की डोली के दर्शन कर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
सोमवार को भी डोली ने मंदिर के सभामंडप में ही विश्राम किया। मंगलवार को सुबह आठ बजे द्वितीय केदार मदमहेश्वर की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से रवाना होकर डंगवाडी, ब्राह्मण खोली, मंगोलचारी, सलामी, फापज, मनसूना समेत विभिन्न पडावों से होते हुए रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचेगी। 18 मई को राकेश्वरी मन्दिर रांसी से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास के लिए सीमांत गांव गौण्डार गांव पहुंचेगी। 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से प्रस्थान कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए अपने धाम मदमहेश्वर पहुंचेगी। इसी दिन ठीक 12 बजे भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के छह माह के लिए भकतों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। जिसके बाद छह माह तक यहीं पर भगवान की नित्य पूजाएं संपन्न होंगी। बद्री-केदार मंदिर समिति के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पाण ने बताया कि मंगलवार को सुबह आठ बजे मदमहेश्वर धाम के लिए रवाना होगी। मंदिर के कपाट खोलने को लेकर मंदिर समिति की ओर से तैयारियां की जा रही है।