रुद्रप्रयाग। डेयरी विकास विभाग की कार्यशैली से नाराज जनपद के पशुपालकों ने एक दिवसीय हड़ताल की। इस दौरान उन्होंने विभाग पर आरोप लगाया कि पशुपालकों की किसी भी तरह से सुध नहीं ली जा रही है, जिससे उनके सामने कई मुश्किलें पैदा हो रही है।
विभिन्न मांगों को लेकर जनपद के पशुपालन व दुग्ध व्यवसायियों ने सोमवार को एक दिवसीय हड़ताल की। उन्होंने विरोध स्वरूप डेयरी विकास को दूध नहीं दिया। पशुपालक अजय कप्रवाण, राकेश बिष्ट, सुभाष भट्ट, हरीश डोभाल ने कहा कि डेयरी विभाग दुग्ध व्यवसायियों से कम दाम में दूध लेती है, जबकि सुविधाएं देने नाम पर कुछ भी नहीं है। कहा कि दो माह तक सरकार की धस्यारी योजना बंद थी। जंगलों में आग लगने से उनके सम्मुख घास का संकट पैदा हो गया था। बावजूद विभाग ने पशुपालकों की मदद करने के बजाय अपने हाथ खड़े कर दिए। जैसे तैस कर पशुपालकों ने अपने लिए घास की व्यवस्था की। उनका कहना है कि दुग्ध विकास विभाग पशुपालकों के दूध का भुगतान दो माह बाद करता है। जिससे उन्हें भारी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है।
घस्यारी योजना पर भी उठाया सवाल, कहा पशुपालकों को नहीं मिल रही सुविधाएं
जबकि कई पशुपालकों ने बैंक से ऋण लेकर दुग्ध व्यवसाय का कार्य कर रहे है। किंतु समय पर पैंसा न मिलने से उन्हें बैंक की किश्त चुकानी भी मुश्किल हो गया है। जबकि विभाग सिर्फ तीन लोगों के भरोंसे चल रहा है। जो कि विभाग व दुग्ध व्यवसायियों के हित में नहीं है। उन्होंने विभाग से समय पर दूग्ध का भुगतान करने, पशुपालकों के लिए घास की व्यवस्था करने की मांग की है। कहा कि यदि विभाग का रवैया ऐसा ही रहा तो आगामी भविष्य में वे विभाग को दूध नहीं देंगे।