उत्तराखंड

आनंद का दूसरा नाम कृष्ण: आचार्य शशांक

श्रीमद भागवत कथा

अपने कमाए हुए धन का 25 फीसदी अच्छे काम में करें खर्च
देहरादून। भक्तों को श्रीमद भागवत कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास डॉ. शशांक शेखर डिमरी ने कहा कि वही सही मनुष्य है जो अपने कमाए हुए धन का 25 फीसदी दान या अच्छे कार्य में खर्च करता है। उन्होंने कहा कि भगवान ऐसे लोगों का भंडार और भरते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आनंद की प्राप्ति करनी है तो दूसरे को खुशी देने का प्रयास करें। आनंद का दूसरा नाम ही कृष्ण है।

भक्तों को श्रीमद भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं कथा व्यास
देहरादून कृष्ण विहार में श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास शशांक शेखर डिमरी ने कहा कि अपने आप में नंद रूपी गुण बनाएं। दूसरे को प्रसन्न रखने का प्रयास करें। अपने परिवार में ही खुशी को हर व्यक्ति को बांटने का प्रयास करें, वह खुशी और बढ़ेगी। कहा कि आनंद उसी के घर में आता है जो नंद बनकर रहता है। भगवान श्रीकृष्ण की कथा में नंद बाबा का प्रसंग बताते हुए उन्होंने कहा कि नंद के पास 9 लाख गाएं थी। जबकि उन्होंने 2 लाख गायों का दान कराया। नंद बाबा महामना है। जिसका मन बडा हो वह महामना है। दूसरे को खुशी देने का नाम नंद है।उन्होंने भक्तों को भगवान कृष्ण की बचपन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन को धन्य बनाने के लिए प्रभु की अराधना करनी चाहिए। उन्होंने भगवान राम, कृष्ण और शंकर की महिमा का वर्णन किया। कथा के मध्य में मधुर भजन और सुंदर स्लोग एवं संकीर्तन से माहौल भक्तिमय बना दिया।
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