उत्तराखंड

यज्ञ के बाद चार पुत्र पाकर राजा दशरथ हुए प्रंसन्न

रामलीला

रुद्रप्रयाग। श्री गणेश रामलीला समिति गुलाबराय द्वारा गुलाबराय मैदान में चल रही रामलीला में रविवार को राजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन को देखकर अयोध्या में सभी उत्साह मनाने लगे। दशरथ के साथ ही राम-लक्ष्मण के पात्रों के सुंदर अभिनय की दर्शकों द्वारा प्रशंसा की गई। रविवार के दिन बड़ी संख्या में लोगों ने रामलीला का आनंद लिया।

रविवार को बड़ी संख्या में लोगों ने लिया रामलीला का आनंद

मुख्यालय स्थित गुलाबराय मैदान में चल रही रामलीला के तीसरे दिन राम जन्म के साथ ही ताड़का वध का मंचन किया गया। इस मौके पर दर्शकों ने लीला की प्रशंसा की। पहले संतान न होने की चिंता में राजा दशरथ का वियोग प्रस्तुत किया गया जबकि इसके बाद सुमंत के आग्रह पर ऋषि को बुलाते हुए यज्ञ करने का सुझाव देना और फिर यज्ञ के बाद चार पुत्रों की प्राप्ति के बीच राजा दशरथ का उत्साहित होने का दृश्य दिखाया गया। जबकि इसके बाद जंगल में राक्षसों के भय से गुरु विश्वामित्र द्वारा ऋषि-मुनियों की रक्षा के लिए राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को मांगने का दृश्य दर्शकों को भावुक कर गया। इसके बाद राम लक्ष्मण द्वारा जंगल में राक्षसी ताड़का का वध किया गया।

सोमवार को होगा सीता स्वयंवर का मंचन

श्री गणेश रामलीला समिति के संयोजक लक्ष्मण कप्रवान ने बताया कि सोमवार को सीता स्वयंवर का मंचन किया जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को रामलीला के मंचन को देखने के लिए गुलाबराय पहुंचने का आग्रह किया है। रामलीला में मुकेश सिलोड़ी द्वारा प्रतिदिन सुंदर संचालन किया जा रहा है। इस मौके पर समिति के संयोजक लक्ष्मण कप्रवान, आचार्य दीपक नौटियाल, मुकेश सिलोड़ी, विपलु नौटियाल, ओमप्रकाश पोखरियाल, आशीष नौटियाल, बृजमोहन बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, गोपी पोखरियाल, प्रदीप चौधरी, दीपांशु भट्ट, तोताराम, विमल नौटियाल, अजय नौटियाल सहित कई लोग मौजूद थे।

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