उत्तराखंड

डायट में हुई कार्यशाला में शिक्षकों ने ली कई रोचक जानकारियां

कार्यशाला

रुद्रप्रयाग। भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान पुणे के सहयोग से डायट में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के अंतिम दिन नवीनतम तकनीकों और शैक्षणिक उपकरणों की जानकारी दी गई ताकि कक्षा में बच्चों की रुचि बढ़ाई जा सके और उनमें रटने के बजाय समझने की प्रवृत्ति का विकास हो।

बेहतर शिक्षा और शैक्षणिक माहौल को तैयार करने में कार्यशाला होगी मददगार

डायट सभागार रतूडा में आयोजित कार्यशाला के समापन समारोह में मुख्य शिक्षा अधिकारी रुद्रप्रयाग पदमेंद्र बिष्ट ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षक समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। यह शिक्षण पद्धतियों में नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक अब इन प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को अपने विद्यालयों में क्रियान्वित करेंगे, जिससे छात्रों में विज्ञान और गणित के प्रति रुचि और उत्साह पैदा होगा। डायट प्राचार्य हरी बल्लभ डिमरी ने भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान पुणे द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को बहुत उपयोगी बताया। कहा कि यह कार्यशाला शिक्षण और शैक्षणिक क्षेत्र के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित डाइट कोऑर्डिनेटर डॉ विनोद यादव ने भी अपने विचार साझा किए और कहा कि यह प्रशिक्षण जिले के सभी शिक्षकों के लिए एक अद्वितीय अवसर था, जहां उन्होंने नवीनतम शिक्षण तकनीकों को सीखा और समझा।

भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान पुणे द्वारा आयोजित कार्यशाला को बताया अत्यंत उपयोगी

भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान पुणे और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, देहरादून के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रशिक्षित चार इनोवेशन चैम्पियन पीयूष शर्मा, सुलेखा सेमवाल, शंकर भट्ट और अंकिश डिमरी ने इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक संचालित किया। इन शिक्षकों ने अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करते हुए प्रशिक्षण में भाग लेने वाले 60 शिक्षकों को सक्रिय रूप से विभिन्न गतिविधियों में संलग्न किया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन एससीईआरटी से कार्यक्रम के राज्य समन्वयक अवनीश उनियाल ने सभी प्रशिक्षकों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। समापन सत्र में भाग लेने वाले शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को अत्यधिक प्रभावशाली और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उनके शिक्षण दृष्टिकोण को और अधिक सृजनात्मक और प्रभावशाली बनाएंगे, जिससे छात्रों को विज्ञान और गणित में बेहतर समझ प्राप्त होगी। कार्यक्रम का समापन मोहम्मद तकी और नजीला ने कई जानकारियां दी।

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