उत्तराखंड

श्रीनगर में क्या बोले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

श्रीनगर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत कुछ इस अंदाज में दी। भारत माता की जय, चार धाम की रक्षक उत्तराखंड की सिद्धपीठ मां धारी देवी और कमलेश्वर मंदिर की पावन धरती पर पावन भाषण का आशा करा आप सब कुशल मंगल होला।

जय बद्री-विशाल, जय केदार
चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मनोरथ सच्चा हो तो बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ जी सच्ची इच्छा को पूरी कर ही देते है। उनके आशीवार्द से इलेक्टशन कमीशन और मौसम ने भी आपके बीच आने का मोका और दर्शन करने का सौभाग्य दिया। उत्तराखंड का हर नागरिक जानता है कि मेरा देवभूमि से मेरे नाता और लगाव कितना है। कोई 2019 में चुनाव का आखिर दौर चल रहा था, वहां पर मतदान कर रहा है, मेरा मन कर गया यहां देव भूमि का बाबा केदार ने पुकार और मैं यहां चला आया था, चुनाव के मैदान में भी खुद का चुनाव होने के बावजूद भी आपके बीच चला आया था, देवभूमि के प्रति मेरी भक्ति, लगाव और देवभूमि वीर भूमि भी है। एक ऊर्जाऔर प्ररेणा मिलती है। भाई बहनों, मां गंगा गढ़वाल के वीरगंना, कर्णावती, तीलू रैतोली, सुमाड़ी के पंथ्या दाता अनेक प्ररेणा पानी वाली धरती और लोगों को प्रणाम किया। अपना संकल्प पत्र जारी किया है। संकल्प पत्र इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभायेगा। उत्तराखंड के विकास के लिए यहां के युवाओं, महिलाओं, किसानों, सभी के लिए नये संकल्प लिये गये है। इसमें गरीब बहनों को ताकत देने का समाधान है, जिला मेडिकल कॉलेज या उसके जैसा सुविधा देने का इरादा है, कृषि भूमि सर्वेक्षण, बीमा में नये नीति लागू करने यहां के किसानों को बेहतर सुविधा मिलेगी। भाजपा की टीम को शुभकामनाएं दी। कहा कि सजग प्रहरी के लिए देश की रक्षा की। पौड़ी गढ़वाल से विपिन रावत मुझे भावुक कर रहे है। उन्होंने देश को दिखाया ना केवल पहाड़ जैसा साहस होता है, हिमालय जैसी सोच भी होती है। भाई बहनों मेरे मन में एक गहरी तकलीफ है। मुझे जिक्र इसलिए भी करना पड़ रहा है, क्यों कांग्रेस प्रचार पार्टी जनरल विपिन रावत की कटआउट लगाकर वोट मांग रही है। कुर्सी के लिए कोई इस सीमा तक जा सकता है, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। उत्तराखंड के लोग कभी भूल नहीं सकते है।

कांग्रेस पर किया प्रहार
14 फरवरी को परिवारवाद को ब्लॉक कर दे। संप्रदायिक तुष्टीकरण को देवभूमि से बाहर का रास्ता दिखा दें।
कहा कि बाहर का रास्ता दिखाएंगे या नहीं। कांग्रेस पार्टी एक ही पहचान है, सत्ता आती है, भ्रषष्टाचार बेलगाम पूरी ताकत सषड़त्रों में लगा देते है, बौखाला जाते है। पिछले दस सालों से उत्तखंड के लोग इन्हें शून्य दे रहे हैं। विस में भी पांच साल सत्ता से बाहर है। इसलिए कांग्रेस के लोगों के उत्तराखंड के लोगों से भड़के हुए है, देवभूमि की संस्कृति और पहचान को मिटाने वोट बैक का देवभूमि के लिए किस तरह यूनिवर्सिटी का समर्थन कर रहे है। सुना है कि बौखालहट जनता से उतार रहे हैं। याद रखना है, गलती से सत्ता में आ गए तो भाजपा सरकार के लिए सारे काम रोक देंगे, क्या ऐसा होने देना है क्या, उनके लिए सारे इरादे फेल करेंगे या नही।

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