उत्तराखंड

कथा व्यास बोले, समाज को सजाने संवारने में बीता भगवान श्रीकृष्ण और बलराम का जीवन

श्रीमद्भागवत कथा

राज्य आंदोलनकारी की स्ममृति में रुमसी गांव में हो रही श्रीमद भागवत कथा
रुद्रप्रयाग। अगस्त्यमुनि के समीप रुमसी गांव में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य आनंद वर्धन पुरोहित ने कहा कि श्रीकृष्ण और बलराम का पूरा जीवन समाज को सजाने-संवारने में बीता और अधर्मियों का नाश कर धर्म की स्थापना के लिए उन्होंने नए मानक स्थापित किए।


उत्तराखंड राज्य चिन्हित आंदोलनकारी, जिला पंचायत के पूर्व सदस्य और उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह राणा और उनके पुत्र बिमल की पुण्यस्मृति में आयोजित हो रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह में उन्होंने कृष्ण बलराम के मथुरा गमन, कंस वध और उद्धव स्वामी द्वारा गोपियों को उपदेश देने का मार्मिक प्रसंग सुनाया। कथा व्यास पंडित आनंद वर्धन पुरोहित ने कहा कि बच्चों को स्कूल पढ़ाने, संस्कारवान बनाने और समाज के प्रति जिम्मेदार बनाना भी मां-पिता का प्रथम कर्तव्य है।श्रीकृष्ण-रुकमणी प्रेम प्रसंग और विवाह कथा से श्रोताओं को सनातन धर्म के प्रति जागरूक किया। श्रीकृष्ण ने तब द्वारका नगरी बसाई और द्वारकाधीश कहलाये। यजमान संजय सिंह राणा, हर्षवर्धन राणा, राजवर्धन राणा, जयवर्धन राणा, दर्शनी देवी, सुंदर सिंह राणा व प्रदीप सिंह राणा ने आचार्यगणों का सम्मान किया। संगीतज्ञ पंकज सेमवाल और अरविंद चमोली ने मधुर भजनों से भक्तजनों को भाव विभोर कर दिया। इस मौके पर आचार्यगण पं. सतेंद्र प्रसाद भट्ट, पं. शशि प्रसाद भट्ट, पं. जयवर्धन पुरोहित, पं. देवी प्रसाद पुरोहित व पं शिव प्रसाद भट्ट हैं। रुमसी, भौंसाल, डोभा, चमेली, भटवाडी़ व आसपास के गांवों के लोग बड़ी संख्या में श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए पहुंच रहे हैं।

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