श्रीनगर। एचएनबी गढ़वाल केन्द्रीय विवि के बिड़ला परिसर में छात्रसंघ चुनाव को लेकर इस बार कई वर्षो बाद छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी गौरव मोहन सिंह नेगी के जीत का परचम लहराया है। दो वर्ष बाद हुए छात्रसंघ चुनाव में गढ़वाल विवि में एबीवीपी, जय हो ग्रुप और एनएसयूआई के प्रत्याशियों को पीछे छोड़ निर्दलीय प्रत्याशी गौरव मोहन सिंह नेगी ने 1688 मत पाकर अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा किया है। जबकि सचिव पद पर आर्यन छात्र संगठन के सम्राट सिंह राणा ने 2267 वोटों से जीत दर्ज की। 7991 मतदाता छात्रों में से 4566 छात्रों ने मतदान किया।
गढ़वाल विवि के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. आरसी भट्ट ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए चार प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। जिसमें निर्दलीय प्रत्याशी गौरव मोहन नेगी ने 1688 वोट पाकर जीत दर्ज की है। उन्होंने जय हो ग्रुप के प्रत्याशी कैवल्य जखमोला को 195 वोट से हराया है। जखमोला 1493 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे। जबकि तीसरे नंबर पर एबीवीपी प्रत्याशी अमन बल्लभ पंत 1205 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। एनएसयूआई प्रत्याशी वैभव सकलानी मात्र 122 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे।
अध्यक्ष पद पर नोटा को 31 वोट पड़े। सचिव पद पर आर्यन ग्रुप सम्राट सिंह राणा ने 2267 वोट पाकर विजेता रहे। जिन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय प्रत्याशी सूरज नेगी को 89 वोट से हराया। सूरज को 2178 वोट मिले। उपाध्यक्ष पद पर रोबिन सिंह ने 2420 मत पाकर विजयी प्राप्त की। प्रतिद्वंद्वी चैतन्य कुकरेती को 1977 मत पाकर संतुष्ट रहना पड़ा। सह सचिव पद पर रंजना ने 3207 मत पाकर सह सचिव पद की कुर्सी कब्जाई। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी सूरज सिंह को 2050 वोटों से करारी हार दी। सूरज को मात्र 1157 वोट मिले। कोषाध्यक्ष पद पर योगेश बिष्ट ने 2666 वोट पाकर विजयी पाई। जबकि अभिषेक कुमार, रजत कुमार आठ सौ का भी आंकड़ा पार नहीं कर पाये। छात्रा प्रतिनिधि मोनिका चौहान पहले से निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी थी। यूआर पद पर छात्रम् संगठन के अमन पंवार ने 3193 वोट पाकर जीत दर्ज की। जबकि 1237 मत पाकर गिरीश सिंह दूसरे स्थान पर रहे। चुनाव शांतिपूर्ण संपंन कराने में पुलिस प्रशासन, कॉलेज प्रशासन की मुख्य भूमिका रही। इस मौके पर मुख्य नियंता डॉ. बीपी नैथानी, डीएसडब्ल्यू डॉ. एमएस नेगी, डॉ. एमएम सेमवाल सहित आदि शामिल थे।
एबीवीपी ने एबीवीपी को हराया-
एबीवीपी से गौरव मोहन नेगी बागी बने और अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। एबीवीपी से टिकट ना मिलने पर गौरव मोहन नेगी ने निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया था।