उत्तराखंड

केदारनाथ यात्रा में चलेंगे जीपीएस चिप सिस्टम लगे घोड़े-खच्चर

यात्री सुरक्षा के लिए नई व्यवस्था

पैदल मार्ग पर हर यात्री और घोड़े की लोकेशन की रहेगी कंट्रोल रूम को जानकारी
रुद्रप्रयाग। इस बार केदारनाथ की यात्रा पर चलने वाले हर घोड़े खच्चर के माथे पर जीपीएस चिप लगी होगी ताकि पैदल मार्ग पर चलने वाले यात्री और घोड़े खच्चर की लोकेशन ट्रेस हो सके। जिला प्रशासन के निर्देशों पर जिला पंचायत की मदद से जीमैक्स कंपनी ने 2100 घोड़े खच्चरों पर जीपीएस चिप लगा दी है।

जिला पंचायत की मदद से जीमैक्स कंपनी ने 2100 घोड़े खच्चरों पर लगाई जीपीएस चिप
केदारनाथ आपदा के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिए घोड़े खच्चरों के साथ ही यात्रियों की लोकेशन पर पल पल की नजर रखी जाएगी। जिला पंचायत और जीमैक्स कंपनी के प्रयासों से इस बार घोड़े खच्चरों पर आरएफ आईडी लगाई जा रही है। रेडियो फ्रीक्वेंसी रेडिफिकेशन सिस्टम से गौरीकुंड से केदारनाथ जाने आने वाले हर घोड़ा खच्चर और यात्री की लोकेशन सोनप्रयाग में बने कंट्रोल रूम में ट्रेस की जा सकेगी। साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि फलां घोड़ा किस प्वाइंट पर पहुंचा है। इसके लिए गौरीकुंड, भीमबली, लिंचौली और बेस कैंप केदारनाथ में सिस्टम लगाए गए हैं। जिला पंचायत द्वारा घोड़े खच्चरों का पंजीकरण किया जा रहा है जबकि घोड़े खच्चरों पर टैग लगाया जा रहा है। इसके बाद लाइसेंस जारी करते वक्त जीमैक्स आरएफ आईडी चिप जारी कर रही है जिसे घोड़े खच्चरों के माथे पर लगाया जा रहा है।
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी राजेश पंवार ने बताया कि अब तक 2100 घोड़े खच्चरों पर आरएफ आईडी लगाई जा चुकी है। कहा कि जितने भी घोड़े खच्चरों का यात्रा मार्ग में पंजीकरण होगा सभी पर यह चिप लगाई जाएगी ताकि पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चर में जाने वाले हर यात्री और संबंधित घोड़े खच्चर और मालिक की लोकेशन ट्रेस हो सके।

 

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