नियमित कथाओं का श्रवण देता है सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा: आचार्य दीपक
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग स्थित रुद्रनाथ मंदिर में शिव महापुराण एवं श्रीराम कथा के आयोजन में हर दिन बड़ी संख्या में भक्त कथा का रसपान कर रहे हैं। रुद्रनाथ मंदिर के महंत धर्मानंद श्रीराम कथा तो आचार्य दीपक नौटियाल शिव महापुराण कथा का वाचन कर रहे हैं।
अलकनंदा और मंदाकिनी तट पर कथा का है विशेष महत्व
अलकनंदा और मंदिर तट पर अवस्थित भगवान रुद्रनाथ मंदिर में कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। महंत धर्मानंद के प्रयासों से कथा में बड़ी संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं। सातवें दिन पूजा अर्चना के बाद विधिवत श्रीराम कथा का भक्तों को श्रवण कराते हुए महंत धर्मानंद ने कहा कि श्रीराम की कथा हमें जीवन को आदर्शों पर चलने की सीख देती है। साथ ही अपनी मर्यादा और संस्कारों के प्रति सजग कराती है। हमें जीवन में श्रेष्ठ बनने की राह सिखाती है। इसलिए भगवान की कथा का जरूर श्रवण करना चाहिए।
कथाएं कराती है हमें अपनी मर्यादा और संस्कारों के प्रति सजग
दिव्य शिव महापुराण का वाचन करते हुए आचार्य दीपक नौटियाल ने कहा कि शिव महापुराण श्रेष्ठ है। जीवन के अनेक पापों से मुक्ति दिलाने की मार्ग है। इस दिव्य कथा के श्रवण से मनुष्य को अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है। सांसारिक जीवन में अच्छे कर्म हमें सदमार्ग की ओर ले जाते हैं इसलिए कर्म अच्छे करने से फल की प्राप्ति भी अच्छी ही होती है। शिव महापुराण की कथा के श्रवण से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। कथा व्यास ने कहा कि अलकनंदा और मंदाकिनी के तट पर कथा का विशेष महत्व है साथ ही इसका श्रवण करने वाला भी पुण्य फल की प्राप्ति करता है। इस मौके पर दोपहर 1:30 बजे से 2:30 बजे तक महंत धर्मानंद रामकथा कर रहे हैं जबकि जबकि 3 बजे से शाम 5 बजे तक आचार्य दीपक नौटियाल शिव महापुराण का प्रवचन कर रहे हैं। रुद्रनाथ के महंत ने नगर की समस्त जनता से धार्मिक अनुष्ठान में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की आग्रह किया है।