रुद्रप्रयाग। सेंचुरी क्षेत्र में बार-बार हो रही परेशानियां एवं चार सूत्रीय मांगों को लेकर तुंगनाथ एवं मदमहेश्वर घाटी में क्षेत्रीय लोगों ने विरोध में प्रतिष्ठान बंद रखे। इस दौरान यात्री एवं पर्यटकों को परेशानियां हुई। बंद को देखते हुए दोनों जगहों पर अधिकारी वार्ता के लिए पहुंचे और इस संबंध में ग्रामीणों से वार्ता की।
गौंडार में वार्ता के बाद भी नहीं माने ग्रामीण, जारी है अनिश्चितकालीन बंद
तुंगनाथ एवं मदमहेश्वर घाटी में पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों को सेवाएं मुहैया कराने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठान अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर मक्कूबैण्ड से तुंगनाथ एवं गौण्डार से मदमहेश्वर तक बंद रहे। बंद की खबर के बाद चोपता में ऊखीमठ के एसडीएम जितेंद्र वर्मा वार्ता के लिए गए जबकि मदमहेश्वर में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार समझाने गए। चोपता में एसडीएम के मनाने के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया जबकि मदमहेश्वर घाटी में गौंडार में नाराज लोगों का अनिश्चित आंदोलन जारी है।
चोपता में एसडीएम के आश्वासन के बाद माने लोग, आंदोलन किया स्थगित
तुंगनाथ घाटी में मक्कूबैण्ड से तुंगनाथ तक व्यवसायी, घोड़ा खच्चर संचालक एवं टैक्सी मैक्सी का संचालन करने वाले स्थानीय लोग शनिवार प्रात: सात बजे अपनी चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में चोपता में एकत्रित हुए। यहां आयोजित बैठक में स्थानीय लोगों ने अपनी प्रमुख मांगो तुंगनाथ एवं मदमहेश्वर धाम एवं पैदल मार्ग के दोनों तरफ 100 मीटर क्षेत्र को सेंचुरी से बाहर करने, इन जगहों पर मूलभूत सुविधाओं का विकास करने, हकहकूकधारियों के अधिकारों को यथावत रखने की मांग की। व्यापार संघ अध्यक्ष चोपता भूपेंद्र मैठाणी ने कहा कि क्षेत्रीय हक हकूकधारी व व्यापारी लोगों से अपनी परम्पराओं का निर्वहन करते आए हैं किंतु केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा बार बार हक हकूकधारी व व्यापारियों को सेंचुरी वन अधिनियम का हवाला देकर उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होने कहा कि केदारनाथ से लेकर कल्पेश्वर तक के भू-भाग के विकास में केदरनाथ वन्य जीव प्रभाग का सेंचुरी वन अधिनियम लागू होने से तीर्थ व पर्यटक स्थलों में मूलभूत विद्युत, संचार, शौचालय, यातायात आदि सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा बीते शीतकालीन सीजन में चोपता से तुंगनाथ जाने वाले पर्यटकों से शुल्क वसूला गया किंतु पैदल मार्ग पर कूड़ेदान, शौचालय व प्रतीक्षालयों का निर्माण न होने से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
इस मौके पर एसडीएम जितेंद्र वर्मा, तहसीलदार बलबीर शाह, रेंजर पंकज ध्यानी, व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी, प्रधान विजयपाल नेगी, अरविंद रावत, प्रधान वीर सिंह पंवार, सचिव विक्रम भंडारी, योगेन्द्र भंडारी, सरपंच विजय सिंह चौहान, अमन भंडारी, शिवानंद पंवार, अशोक चौहान, श्रीचन्द्र सिह रावत, बीरबल चौहान, नरेंद्र चौहान, कमल सिहं, लक्ष्मण सिंह, हापला घाटी प्रधान संघ अध्यक्ष धीरेन्द्र राणा, सतेंद्र नेगी, सज्जन सिंह, नवीन राणा, प्रदीप बर्तवाल सहित मदमहेवर, तुंगनाथ व हापला घाटी के ग्रामीण मौजूद थे।
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