हरिद्वार स्नान के बाद रात्रि विश्राम को रुद्रप्रयाग के जवाड़ी गांव पहुंची
दशज्यूला क्षेत्र की आराध्य देवी चण्डिका ने दिवारा यात्रा के दौरान धारी देवी के दर्शन किए जबकि रात्रि विश्राम के लिए रुद्रप्रयाग के करीबी गांव जवाड़ी भरदार पहुंची। इस मौके पर भक्तों ने भी चंडिका देवी का फूल मालाओं एवं अक्षतों से जोरदार स्वागत किया। यात्रा में चल रहे भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।
शनिवार को रुद्रप्रयाग शहर में दर्शन देने के बाद अब यात्रा तल्लानागपुर क्षेत्र के गांवों का भ्रमण करेगी। बीते 15 अक्टूबर से 92 वर्षो बाद दशज्यूला क्षेत्र के महड़ गांव स्थित चंडिका मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के साथ मां चंडिका की दिवारा यात्रा शुरू हुई थी। दिवारा यात्रा ने दशज्यूला कांडई एवं चमोली जिले के विभिन्न गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुशक्षेम पूछी। बीते 4 फरवरी को मां चंडिका गंगा स्नान के लिए हरिद्धार गई। जहां 5 फरवरी बसंत पंचमी को स्नान किया। जिसके बाद 6 फरवरी से 23 फरवरी तक देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में भक्तों की कुशलक्षेम पूछी। तीन दिन उत्तरकाशी विश्वनाथ मंदिर समेत कई स्थानों पर भ्रमण के बाद यात्रा 27 फरवरी को श्रीनगर गढ़वाल पहुंची। पांच दिनों तक श्रीगनर गढ़वाल में भक्तों को दर्शन दिए। शुक्रवार को श्रीनगर गढ़वाल में देवी के पुजारी आचार्य हरि बल्लभ सती ने मां चंडिका की पूजा अर्चना के साथ भोग लगाया गया। जिसके बाद चंडिका के निशान यहां पर भक्तों को दर्शन देकर आशीर्वाद दिया। इसके बाद मां ने भक्तों को दर्शन देते हुए यात्रा धारी देवी मंदिर पहुंची। जहां मंदिर में मां धारी से मिलकर दिवारा यात्रा रात्रि विश्राम के लिए जवाड़ी भरदार पहुंची। जहां भक्तों ने यात्रा का अक्षत व फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया। दिवारा यात्रा में बड़ी संख्या में चल रहे भक्तों के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।